छुरा ब्लॉक में बड़ा प्रशासनिक एक्शन: पीएम आवास योजना में लापरवाही पर कलेक्टर सख्त, 22 अफसरों को नोटिस, सिस्टम में हड़कंप!
गरियाबंद/छुरा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक में प्रधानमंत्री आवास योजना की धीमी रफ्तार और कामों में लापरवाही अब अधिकारियों-कर्मचारियों पर भारी पड़ने लगी है। मंगलवार को कलेक्टर बी.एस. उइके ने छुरा पहुंचकर आवास योजना की विस्तृत समीक्षा की और लापरवाही बरतने वाले 22 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दे डाला। इस कड़ी कार्रवाई से प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।

बैठक में योजनाओं की स्थिति सामने आते ही कलेक्टर ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट कहा —
“काम नहीं करेंगे तो कार्रवाई तय है। हितग्राहियों को समय पर घर न मिले, ये बर्दाश्त नहीं होगा।”
किसे-किसे मिला नोटिस?
- 13 पंचायत सचिव — ग्राम पंचायत मुढ़ीपानी, गायडबरी, कसेकेरा, नवापारा (भा.), कोसमी, मेढ़कीडबरी, भरवामुड़ा, रसेला, कनेसर, द्वारतरा, मुड़ागांव, पंडरीपानी गोंड और मुरमुरा के सचिव
- 5 तकनीकी सहायक — लक्ष्मीकांत साहू, पवन ध्रुव, प्रियेश वर्मा, दिव्या साहू, विनय वर्मा
- 3 रोजगार सहायक — ग्राम रसेला, द्वारतरा और मेढ़कीडबरी
- 1 विकासखंड समन्वयक — हर्षा वर्मा
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि “अप्रारंभ आवास कार्यों को फौरन शुरू किया जाए और जो काम चल रहे हैं, उन्हें निर्धारित समय-सीमा में हर हाल में पूरा किया जाए।” उन्होंने अफसरों से पंचायत-वार प्रगति, किश्त आबंटन, जिओ टैगिंग और सर्वे की विस्तृत जानकारी ली।
अंकड़ों में देखें योजना की हकीकत:
- वर्ष 2024-25 में कुल स्वीकृत आवास: 6,379
- पूर्ण हो चुके आवास: 1,459
- बाकी कार्य: प्रगतिरत या अब तक प्रारंभ नहीं
कलेक्टर ने दी कड़ी चेतावनी:
- किसी भी स्तर पर अवैध वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- किश्त वितरण में पारदर्शिता हो और हितग्राहियों को समय पर लाभ मिले।
- अगर शिकायत मिली तो सीधे कार्रवाई होगी — निलंबन तक का रास्ता खुला रहेगा।
कलेक्टर श्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि गरीबों के सपनों का घर है। ऐसे में इसमें लापरवाही करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने जनमन योजना के तहत बन रहे आवासों की भी समीक्षा की और अधिकारियों को तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?
- जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम
- अपर कलेक्टर नवीन भगत
- एसडीएम सुश्री नेहा भेड़िया
- जनपद सीईओ सतीश चंद्रवंशी
- पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आवास मित्र सहित अन्य कर्मचारी
अब देखना यह होगा कि कलेक्टर की सख्ती के बाद योजनाओं की रफ्तार कितनी तेज होती है और जिन पर नोटिस गया है, वे अपनी लापरवाही को कितनी गंभीरता से लेते हैं। लेकिन इतना तय है — गरियाबंद में अब काम करना होगा, वरना अंजाम तय है।