Brekings news: पंडरी पानी गांव में मुर्गी का शिकार करने आया तेंदुआ गिरा कुएं में, वन विभाग चला रहा रेस्क्यू अभियान
छुरा/पांडुका (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत खरखरा के आश्रित ग्राम पंडरी पानी में आज सुबह एक अप्रत्याशित घटना घटी। ग्रामीणों की मुर्गियों का पीछा करता हुआ एक तेंदुआ खुले कुएं में जा गिरा। यह घटना ग्रामीणों के लिए हैरानी और डर दोनों का कारण बनी।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 6:30 बजे कुछ ग्रामीणों ने अपने आंगन में जानवरों की हलचल सुनी। जब बाहर निकलकर देखा गया, तो एक तेंदुआ मुर्गियों का पीछा करता हुआ खेत की ओर भागता दिखा। दौड़ते-दौड़ते वह गांव के पास स्थित एक पुराने, बिना ढंके कुएं में जा गिरा।
कुएं में गिरने के बाद तेंदुए की गुर्राहट से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। लोगों ने तत्परता दिखाते हुए इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम रेस्क्यू उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची और क्षेत्र को घेराबंदी कर सुरक्षित किया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
वन विभाग द्वारा शुरू किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है। विभाग की रेस्क्यू टीम तेंदुए को रस्सियों, पिंजरे और जाल की मदद से सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कर रही है। मौके पर वन परिक्षेत्र अधिकारी, अनुभवी डॉक्टर, पशु विशेषज्ञ और स्थानीय प्रशासन की टीम मौजूद है।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि, “तेंदुआ कुएं में गिरने के बावजूद फिलहाल स्वस्थ प्रतीत हो रहा है। हमारी प्राथमिकता उसे बिना किसी चोट या तनाव के सुरक्षित बाहर निकालने की है। ऑपरेशन में समय लग सकता है लेकिन पूरी सावधानी के साथ काम किया जा रहा है।”
ग्रामीणों में दहशत और जागरूकता की अपील
इस घटना के बाद पंडरी पानी और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे घटनास्थल से दूर रहें और अफवाह न फैलाएं। साथ ही, वन विभाग ने यह भी अनुरोध किया है कि जिन गांवों में ऐसे खुले कुएं या जल स्रोत हैं, उन्हें जल्द से जल्द ढंकने या सुरक्षा घेरों से सुरक्षित करने की व्यवस्था की जाए।
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मियों के मौसम में पानी और भोजन की तलाश में तेंदुए जैसे जंगली जानवर इंसानी बस्तियों के समीप आने लगते हैं। यह घटना इसी श्रृंखला का एक उदाहरण है, जिससे भविष्य के लिए वन विभाग और ग्रामीण दोनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
भविष्य के लिए जरूरी सबक
यह घटना न केवल वन्यजीव संरक्षण के प्रति गंभीर सोच की ओर इशारा करती है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा उपायों की कमी को भी उजागर करती है। वन विभाग जल्द ही क्षेत्र में जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है ताकि मानव और वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सके।