हिमालय वुड बैज प्रशिक्षण में दमदार उपस्थिति! छत्तीसगढ़ के दो जांबाज़ शिक्षक—अर्जुन धनंजय सिन्हा और गिरवर यादव ने राज्य स्तर पर रचा नया इतिहास! प्रशिक्षण से निखरे नेतृत्व के गुण, स्काउटिंग को मिलेगी नई उड़ान
रायपुर/बिलासपुर/छुरा(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर गौरवान्वित हुई जब राज्य स्तर पर आयोजित हिमालय वुड बैज प्रशिक्षण शिविर में नगर के प्रख्यात शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा एवं फिंगेश्वर विकासखंड के समर्पित शिक्षक गिरवर यादव ने पूरे आत्मविश्वास, जोश और अनुशासन के साथ सहभागिता निभाई। स्काउटिंग के सर्वोच्च प्रशिक्षण कोर्स को सफलता से पूर्ण कर दोनों शिक्षकों ने न सिर्फ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरे जिले और राज्य का नाम रोशन कर दिया।
क्या है हिमालय वुड बैज प्रशिक्षण?
यह स्काउटिंग का सबसे ऊँचा और चुनौतीपूर्ण कोर्स है, जिसमें सिर्फ वही भाग ले सकते हैं जिन्होंने वर्षों से स्काउटिंग में उत्कृष्ट योगदान दिया हो। इस कोर्स को स्काउट यूनिट लीडर्स की लीडरशिप ट्रेनिंग की पराकाष्ठा माना जाता है। छत्तीसगढ़ में यह कोर्स आयोजित होना अपने आप में एक बड़ा आयोजन था, जिसे आधारशिला विद्या निकेतन न्यू सैनिक स्कूल, बिलासपुर ने सफलतापूर्वक होस्ट किया।

सुबह बीपी सिक्स… रात को कैंप फायर तक—हर लम्हा रोमांचक!
यह सात दिवसीय प्रशिक्षण सुबह 06 बजे बीपी सिक्स से शुरू होकर रात 10 बजे तक चलता रहा। दिन की शुरुआत अनुशासन से, दोपहर को ज्ञान की गहराई और रात को सांस्कृतिक रंगों से सजी। प्रशिक्षार्थियों ने सीखा — नॉटिंग, लेसिंग, पायनियरिंग, टेंट लगाना, स्ट्रैचर निर्माण, दिशा ज्ञान, घावों की चिकित्सा, बिना बर्तन भोजन बनाना, नाइट हाईक, कम्पास प्रयोग, अनुमान, दूरी मापन, और बहुत कुछ।
अर्जुन धनंजय सिन्हा ने कहा —
“यह कोर्स स्काउटिंग के अन्य कोर्स से बिल्कुल अलग था। समय की पाबंदी, अनुशासन और नेतृत्व विकास जैसे पहलुओं ने हमें एक नया दृष्टिकोण दिया है। हम जो कुछ सीखे हैं, उसे जिले के हर स्काउट गाइड तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है।”
गिरवर यादव बोले —
“रात की हाईक और बर्तन के बिना भोजन बनाना मेरे लिए सबसे बड़ा अनुभव था। जंगल में दिशा ज्ञान और खोज के चिन्हों ने हमें वास्तविक जीवन के लिए तैयार किया।”
पंथी, पंडवानी, भरथरी की रंगारंग छटा ने किया मन मोह लिया
कैम्प फायर के दौरान छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। टोली अनुसार टास्क में डंडा नृत्य, करमा, ककसाल, सरगुजिया, शैला और पंथी की धुनों पर प्रशिक्षार्थी थिरके। यह सिर्फ प्रशिक्षण नहीं, एक संस्कृति, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता का उत्सव बन गया।
टी ऑन ट्री टॉप और बर्निंग कैंडल जैसे रोमांचक पायनियरिंग प्रोजेक्ट्स ने बढ़ाया जोश
प्रशिक्षण के दौरान “टी ऑन ट्री टॉप” और “बर्निंग कैंडल ऑन ट्री टॉप” जैसे कार्यों ने सभी प्रतिभागियों को रोमांचित कर दिया। यह सिर्फ स्काउटिंग नहीं थी, यह साहस, नेतृत्व, और एकता का संगम था।
विशिष्ट नेतृत्व टीम
शिविर का सफल संचालन राज्य संगठन आयुक्त विजय यादव, संतोष कुमार साहू, डॉ. पूनम सिंग साहू, शांतनु कुर्रे, मृत्युंजय शुक्ला, गिरीश पाढ़ी, कैलाश सोनी, अमित क्षत्रिय, दिलीप पटेल, प्रदीप सेन, जितेन्द्र डडसेना के मार्गदर्शन में हुआ।
क्या मिलेगा इस प्रशिक्षण का लाभ?
इस वुड बैज प्रशिक्षण से जिले के सभी स्काउट गाइड यूनिट्स को लाभ होगा। अब प्रशिक्षित शिक्षक बच्चों को प्रत्यक्ष अनुभव आधारित, व्यावहारिक और नेतृत्व उन्मुख प्रशिक्षण देंगे।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ की स्काउटिंग को नई दिशा देने वाले इस ऐतिहासिक प्रशिक्षण में अर्जुन धनंजय सिन्हा और गिरवर यादव जैसे प्रतिबद्ध शिक्षकों की भूमिका निश्चित ही आने वाले वर्षों में राज्य की स्काउटिंग को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाएगी। यह सिर्फ प्रशिक्षण नहीं, एक प्रेरणा है, एक आंदोलन है, एक मिशन है!