Cgnews: छत्तीसगढ़ में एनएचएम कर्मियों का ऐतिहासिक घेराव, अधिकारियों से हुई सकारात्मक बातचीत — 1 माह में समाधान का आश्वासन
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने अपनी मांगों के निराकरण के लिए ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। राजधानी रायपुर स्थित स्वास्थ्य भवन के सामने आयोजित इस घेराव कार्यक्रम में 6000 से अधिक एनएचएम कर्मी शामिल हुए। इस एकदिवसीय प्रदर्शन ने पूरे प्रदेश का ध्यान आकर्षित किया।

भारी आंधी-तूफान में भी नहीं टूटा हौसला
धरना स्थल पर मौसम ने भले ही परीक्षा ली हो, लेकिन कर्मचारियों की एकता और साहस अडिग रहा। तेज हवा और बारिश के बावजूद सभी कर्मी अपने अधिकारों की मांग को लेकर डटे रहे। इससे कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और एकजुटता का परिचय मिला।
स्वास्थ्य सचिव से हुई चर्चा — मिला समाधान का भरोसा
घेराव के दौरान एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल को स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया द्वारा आमंत्रित किया गया। प्रतिनिधियों ने ग्रेड पे, नियमितीकरण, मेडिकल अवकाश, स्थानांतरण नीति, सीआर व्यवस्था में पारदर्शिता और लंबित 27% वेतन वृद्धि जैसी प्रमुख मांगें रखीं।
स्वास्थ्य सचिव ने कर्मचारियों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि इन सभी मांगों का एक महीने के भीतर समाधान किया जाएगा।
मिशन संचालक से भी हुई सकारात्मक मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल ने आगे मिशन संचालक सह आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला से भी मुलाकात की। डॉ. शुक्ला ने भी स्वास्थ्य सचिव के निर्देशों की पुष्टि करते हुए कहा कि एनएचएम कर्मियों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा और भविष्य में उनके लिए बेहतर पॉलिसी लाई जाएगी।
राजनीतिक समर्थन भी मिला
इस चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिससे आंदोलन को प्रशासनिक के साथ-साथ राजनीतिक समर्थन भी प्राप्त हुआ।
संघ के नेताओं ने जताई नाराजगी और उम्मीद दोनों
एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, कौशलेश तिवारी और जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले ने कहा कि वे पिछले 20 वर्षों से नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन आज तक ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में एनएचएम कर्मियों को कई महत्वपूर्ण सुविधाएं पहले ही मिल रही हैं, जबकि छत्तीसगढ़ अब तक पिछड़ा हुआ है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख सदस्य:
- डॉ. अमित कुमार मिरी (प्रदेश अध्यक्ष)
- कौशलेश तिवारी
- अमृत राव भोंसले (जिला अध्यक्ष, गरियाबंद)
- डॉ. रविशंकर दीक्षित
- हेमंत सिन्हा
- श्याम मोहन दुबे
- पूरन दास
- संतोष चंदेल
- डॉ. आलोक दुबे
- संगीता ब्रम्हनोटिया
निष्कर्ष:
यह आंदोलन सिर्फ मांगों का प्रदर्शन नहीं बल्कि कर्मचारियों की एकता, जागरूकता और अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आगामी एक महीने में अगर मांगे पूरी होती हैं, तो यह छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत हो सकता है।



