Cgnews:छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ की नई प्रदेश कार्यकारिणी गठित, शिक्षा और पर्यावरण सुधार को लेकर बड़े निर्णय
रायपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ की प्रदेश स्तरीय वृहद बैठक 4 मई को रायपुर के होटल मेरीगोल्ड में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश भर के 17 जिलों से आए प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संगठन की नई प्रदेश कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से गठन किया गया।
कार्यकारिणी गठन की प्रक्रिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध राठी और प्रदेश सचिव मनोज पाण्डेय की अगुवाई में संपन्न हुई। बैठक में निजी विद्यालयों के समक्ष खड़ी शैक्षणिक एवं प्रशासनिक चुनौतियों पर गंभीर चर्चा की गई तथा उनकी समाधानपरक रणनीतियों पर निर्णय लिया गया।
कार्यकारिणी पदाधिकारियों की सूची घोषित
बैठक में सर्वसम्मति से जिन पदाधिकारियों का चयन किया गया, उनकी सूची निम्नानुसार है:
- वरिष्ठ उपाध्यक्ष: मनोज गुप्ता (भाटापारा)
- उपाध्यक्ष: – स्टेफर्ड बर्न्स (गरियाबंद),जितेंद्र तिवारी (बालोद),रामकिंकर पाण्डेय (कोरिया),अजय दुबे (कोरबा),विशंभर साहू (सारंगढ़)
- सहसचिव: उमेश साहू (कांकेर),ब्रह्मदत्त त्रिपाठी (मुंगेली),अक्षय दुबे (कोरबा),मोहम्मद फिरोज (गरियाबंद),पुष्कर गोस्वामी (गरियाबंद),पारख दास मानिकपुरी (धमतरी),संतोष तिवारी (भाटापारा)
- कोषाध्यक्ष: विनोद पाण्डेय (धमतरी)
इसके साथ यह निर्णय भी लिया गया कि कार्यकारिणी में राज्य के सभी जिलों के पदेन अध्यक्ष एवं सचिव सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे, जिससे निर्णय प्रक्रिया में सभी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
शिक्षा जगत की प्रमुख मांगें और प्रस्तावित समाधान
बैठक में निजी विद्यालयों की अनेक ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की गई और इन्हें शासन स्तर पर उठाने के लिए रणनीति बनाई गई। प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
आरटीई प्रतिपूर्ति राशि में वृद्धि
- प्रतिवर्ष मार्च माह तक आरटीई भुगतान की समय-सीमा सुनिश्चित करना
- छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तकें संकुल स्तर तक उपलब्ध कराना
- अशासकीय शिक्षकों के लिए डी.एल.एड. एवं डी.एड. प्रशिक्षण व्यवस्था को पुनः प्रारंभ करना
संगठन ने स्पष्ट किया कि इन मांगों को राज्य शासन के समक्ष संगठित रूप से रखा जाएगा और आवश्यकतानुसार आंदोलनात्मक रूप भी लिया जा सकता है।
पर्यावरण संरक्षण हेतु संगठन की ऐतिहासिक पहल
कार्यकारिणी बैठक में ग्लोबल वार्मिंग और जल संकट को लेकर चिंता व्यक्त की गई और राज्यभर में एक व्यापक पर्यावरणीय अभियान की घोषणा की गई। इस अभियान में संगठन के अंतर्गत आने वाले 6000 से अधिक अशासकीय विद्यालय और 15 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं सक्रिय भागीदारी करेंगे।
मुख्य योजनाएं इस प्रकार हैं:
- प्रत्येक विद्यालय में वर्षा जल संग्रहण (वाटर हार्वेस्टिंग) सिस्टम की स्थापना
- विद्यार्थियों को उनके घरों में भी जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना
- टेरेस गार्डनिंग को बढ़ावा देना — जिससे बच्चे जैविक खाद का उपयोग कर घरों में सब्जियां व फल उगा सकें
- मानसून के दौरान प्रत्येक विद्यालय में न्यूनतम 5 पौधे लगाने और उनका संरक्षण
- प्रदेशभर में एक ही दिन 5 लाख से अधिक पौधे रोपने का संकल्प, जिसके संवर्धन की जिम्मेदारी भी संघ स्वयं उठाएगा
यह अभियान जल, हरियाली और स्वास्थ्य के त्रिस्तरीय लाभों को सुनिश्चित करेगा और विद्यार्थियों में पर्यावरणीय चेतना को मजबूत करेगा।
जल्द होगा भव्य प्रदेश स्तरीय सम्मेलन
संगठन ने घोषणा की कि इन सभी योजनाओं की विधिवत शुरुआत रायपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय सम्मेलन के माध्यम से की जाएगी। इस भव्य आयोजन में प्रदेशभर के 6000 से अधिक स्कूल संचालक भाग लेंगे। सम्मेलन में शिक्षा, पर्यावरण और विद्यालयीय विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत संवाद और निर्णय लिए जाएंगे।