ब्रेकिंग न्यूज: छुरा में भगवान परशुराम जन्मोत्सव श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक समरसता के साथ मनाया गया
सर्व ब्राह्मण समाज के भव्य आयोजन में उमड़ा जनसैलाब, एकता और सेवा का लिया संकल्प
छुरा (गंगा प्रकाश)। नगर के प्रमुख धार्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्र श्री मानस मंदिर में इस वर्ष भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी का प्राकट्य दिवस सर्व ब्राह्मण समाज छुरा द्वारा परंपरागत श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक एकजुटता के साथ धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के सभी वर्गों – वरिष्ठजन, महिलाएं, युवा एवं बच्चे – ने पारंपरिक वेषभूषा में सम्मिलित होकर आयोजन की गरिमा को नई ऊँचाई प्रदान की।
विधिवत पूजन-अर्चना से हुई शुरुआत
प्रातःकाल वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक पूजा विधियों के साथ भगवान परशुराम जी की प्रतिमा का पूजन किया गया। श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना में भाग लेकर अपने आराध्य के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। कार्यक्रम स्थल को भव्य रूप से सजाया गया था, जहां भक्तों का तांता लगा रहा।
समाज की बैठक में विकास के मुद्दों पर चर्चा
पूजन के उपरांत सर्व ब्राह्मण समाज तहसील छुरा की विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें विगत वर्ष की गतिविधियों की समीक्षा के साथ आगामी योजनाओं पर मंथन किया गया।
बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक आयोजन, समाज सुधार और युवा सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। समाज के पदाधिकारियों ने युवाओं से समाज सेवा में सक्रिय भागीदारी की अपील की, जिससे सामाजिक जागरूकता और विकास को बल मिल सके।
आतंकी हमले में मृतकों को दी श्रद्धांजलि
बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभी उपस्थितजनों ने मृत आत्माओं की शांति हेतु एक मिनट का मौन रखकर संवेदना प्रकट की।
भंडारा और प्रसादी वितरण में उमड़ी भीड़
कार्यक्रम के समापन पर भंडारा एवं प्रसादी वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन, श्रद्धालु एवं नगरवासी सम्मिलित हुए। महिला मंडल एवं युवा विंग ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समाज के प्रमुख पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर सर्व ब्राह्मण समाज छुरा तहसील के अध्यक्ष अशोक ‘मक्खु’ दीक्षित, उपाध्यक्ष कैलाश मिश्रा, वीरेंद्र पाण्डेय, धनंजय शुक्ला, लखन प्रसाद तिवारी, कामता तिवारी, नरेंद्र तिवारी, मेषनंदन पाण्डेय, विनोद तिवारी, अजय दीक्षित, संजय दीक्षित, रमेश त्रिपाठी, यज्ञेश प्रसाद पाण्डेय, युवा प्रतिनिधि शैलेन्द्र दीक्षित, अखिल चौबे, रितेश दीक्षित, हितेश दीक्षित, प्रह्लाद त्रिपाठी, रूपेश शर्मा, दीनबंधु शर्मा, नन्नू तिवारी, ओ.पी. द्विवेदी, सज्जन शर्मा, हरी नारायण, अक्षत तिवारी, मनोज दुबे, त्रिवेदी, सर्वेश शर्मा, प्रदीप मिश्रा, सुशील मिश्रा, हेमंत तिवारी सहित बड़ी संख्या में समाज के प्रतिष्ठित विप्रगण उपस्थित रहे।
सामाजिक एकता का प्रतीक बना आयोजन
यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का पर्व रहा, बल्कि समाज के एकजुट होने और सेवा की भावना को सशक्त करने वाला अवसर भी सिद्ध हुआ। भगवान परशुराम जयंती पर यह आयोजन आस्था, संगठन और सक्रिय सहभागिता का आदर्श उदाहरण बन गया।