निगम-आयोगों में छत्तीसगढ़िया समाज की अनदेखी पर रमेश यदु ने जताया आक्रोश, वंचित वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की मांग
भाटापारा (गंगा प्रकाश)। राज्य में सरकार गठन के बाद विभिन्न आयोगों और निगमों में नियुक्तियों का दौर जारी है, लेकिन छत्तीसगढ़िया समाज के बड़े हिस्से को अब भी दरकिनार किया जा रहा है। इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु ने मुख्यमंत्री और संगठन पदाधिकारियों को पत्र भेजकर वंचित समाजों को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की है।
रमेश यदु ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि वंचित समाज के लोग बड़ी संख्या में भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता और स्थानीय पदाधिकारी हैं। इस विषय पर प्रदेश प्रभारी के साथ हुई बैठक में समाज प्रमुखों ने भी अपनी बात रखी थी, जिसमें सहमति बनी थी। बावजूद इसके अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के एक बड़े हिस्से को सत्ता और संगठन से दूर रखा जा रहा है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है।
पत्र में गाड़ा समाज द्वारा बाजा आयोग के गठन की मांग भी उठाई गई है। इसके साथ ही पनिका-मानिकपुरी, कोलता, अहिरवार, गडेरी, राठौर, यादव, कहरा, सारथी, कंडरा बसोड़, नागरची, धाकड़, देवांगन, माली, वैष्णव, अमात्य गोंड, सूर्यवंशी, गहरा, महार, सुनार, कुशवाहा, लोधी, बया और सोनकर समाज जैसे अनेक समुदायों को निगम, आयोग और मंडलों में भागीदारी देने का आग्रह किया गया है।
रमेश यदु ने कहा कि कुछ समाजों को एक से अधिक पद देकर विशेष प्राथमिकता दी गई है, जबकि कई बड़े वर्गों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में भी ऐसी स्थिति बनी रही तो इसका असर पार्टी के जमीनी समर्थन पर पड़ सकता है। यदु ने मांग की है कि आने वाले समय में सामाजिक प्रमुखों से संवाद कर समाज के योग्य व्यक्तियों को संगठन व शासन में स्थान दिया जाए, जिससे समाज के हर वर्ग का आत्मसम्मान बना रहे।
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