छुरा (गंगा प्रकाश) :- नगर के निजी कचना धुरुवा महाविद्यालय में 17वा वार्षिक स्नेह सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद के प्रदेश सचिव संत अंजनी शरण महराज,अंजनी आश्रम कुडेरादादर, ने मां भारती व मां शारदे की छाया चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में श्रीमति केशरी ध्रुव जिला पंचायत सदस्य,वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं पार्षद अशोक दीक्षित, एल्डरमेन शास.महा.जनभागीदारी अध्यक्ष सलीम मेमन,विधायक प्रतिनिधि प्रतिपक्ष के नेता व पार्षद हरीश यादव,साहू समाज तहसील अध्यक्ष अभनपुर ब्रह्मानंद साहू, महाविद्यालय संचालन समिति के अध्यक्ष जितेंद्र साहू, सदस्य तेजस्वी यादव,परमेश्वर राजपूत बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय संचालन समिति के उपाध्यक्ष नीलकंठ साहू ने किया।
समस्त अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान पुष्प हार , व प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी. के.साहू ने प्रतिवेदन में महाविद्यालय की छात्र छात्राओं की उपलब्धियों को सभी के समक्ष रखा।
मुख्य अतिथि संत अंजनी शरण महराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि कचना धुरूवा महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण एवं संचालन समिति के सदस्यों के प्रयास ने शिक्षा के क्षेत्र में इस आदिवासी वनांचल में इतिहास रचा है, एक नई ऊर्जा का संचार किया है।यहां के आदिवासी युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त हो रही है,जिसके लिए साधुवाद देता हु। वही ब्रह्मानंद साहू ने सभा में उपस्थित छात्र छात्राओं को कहा कि शिक्षा और संस्कार मानव जीवन का अभिन्न अंग है ।जीवन में आगे बढ़ना है तो नशे जैसा बुराइयों को त्याग कर शिक्षा का अनुग्रहित कर संस्कारवान बने एवं जीवन में सतत आगे बढ़ते रहे,उन्होंने अपने जीवन का अनुभव सभी छात्र छात्राओं के साथ साझा किए।एल्डर मेन सलीम मेमन ने कहा कि कचना धुरुआ महाविद्यालय में शिक्षा के साथ साथ युवा छात्र छात्राओं के अंदर अच्छा संस्कार भी दिखाई देता है,यहां के प्राध्यापक गण व संचालन समिति की अथक प्रयास ने इस क्षेत्र के विकास बहुत योगदान दिया है।
वही इस बार महाविद्यालय के सर्व श्रेष्ठ छात्र का अवार्ड बी.ए. भाग तीन का छात्र निशांत कुमार धुरु, व सर्व श्रेष्ठ छात्रा कु.योगेश्वरी यादव बी.ए.भाग तीन को दिया गया।
तत्पश्चात वार्षिक स्नेह सम्मेलन का आरंभ छात्र छात्राओं द्वारा छत्तीस गढ़ की विभिन्न लोक कलाओं को मंचन कर सब का मनोरंजन किए। मानव मनौती छत्तीस गढ़ी स्वागत नृत्य, या झूलनी मां झूल लौ रिलो, बस्तरिया मोर संगवारी, हाय री सरगुजा नाचे,छत्तीसगढ़ के भुइया, हिंदी रिमिक्स,सहित भौरा के गुनगुन,और छत्तीसगढ़ के लोक परम्परा बारहमासी तीज त्योहार का नृत्य कला ने खूब तालियां बजाने पर दर्शकों को मजबुर कर दिया।
छात्र छात्राओं की प्रतिभाओं को सभी ने सराहना की।
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्र छात्राए, नगर एवं ग्रामीण अंचल से आए पालक गण,पत्रकार बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।



