नवापारा/राजिम (गंगा प्रकाश)। प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा सोमवार से नवा रायपुर के समीप गनौद गांव में प्रारंभ हो रही है। कार्यक्रम को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही है। आयोजन समिति ने तैयारियां अंतिम चरण में होने की बात कही है।

12 से शुरू होगी कथा
बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा की 5 दिवसीय शिवमहापुराण कथा गनौद में शुरू होने जा रही है। कथा का समय दोपहर 1 से 4 बजे रहेगा। प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। क्षेत्र मे भी कथा को लेकर उत्साह का माहौल देखा जा रहा है और अधिक से अधिक श्रद्धालु पंडाल में पहुंचकर कथा सुनने को उत्सुक है।
अंतिम में चरण में तैयारियां
आयोजन समिति के राकेश देवांगन में बताया कि कार्यक्रम की तैयारियां युद्धस्तर पर जारी है और तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंडाल लग चुका है, पंडाल में डेकोरेशन और मंच सहित व्यासपीठ का काम जारी है। उन्होंने बताया कि डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जा रही है।
लाखों की भीड़ जुटने की उम्मीद
आयोजन समिति की रंजिता वर्मा के मुताबिक कार्यक्रम में प्रतिदिन 5 लाख से अधिक भीड़ जुटने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि दूर दराज सहित आसपास के श्रद्धालु कथा को लेकर बेहद उत्सुक है और बड़ी संख्या में पहुंचने वाले है। इसको लेकर बुनियादी सुविधाएं भी की जा रही है। कथा में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसका विशेष ख्याल रखा जायेगा। पर्याप्त मात्रा में शौचालय बनाए गए है, पेयजल और भोजन इत्यादि की भी पर्याप्त व्यवस्था की गईं है। आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल एव अग्निशमन की भी व्यवस्था की गई है।
श्रमदान के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु
वैसे को कार्यक्रम की तैयारियां आयोजन समिति द्वारा की जा रही है। लेकिन खुद से श्रमदान करने वालो की भी कमी नहीं है। लोग स्वयं पहुंचकर श्रमदान कर रहे है। ऐसे की कुछ भक्तगण गरियाबंद जिले से पहुंचे है। बासीन और भसेरा गांव से पहुंचे लेखराम साहू और कुलेश्वर साहू ने बताया कि उनके गांव से 20 से अधिक भक्तगण पहुंचे है जिसमें महिलाएं भी शामिल है। ये सभी मुरम डालने का काम कर रहे है।
श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू
वैसे तो कथा 12 अगस्त सोमवार से शुरू होगी लेकिन श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला दो दिन पहले से शुरू हो गया है। श्रद्धालु अपना जरूरी सामान लेकर पंडाल में डेरा डाल चुके है। दुर्ग जिले से पहुंची गौरी बाई, बलौदबाजार जिले से पंचबाई कवर्धा जिले से पहुंची पुष्पा तिवारी और भटगांव से पहुंची इंदू ने बताया कि वे दो पहले से यहां पहुंचे है। उनके साथ और भी बहुत से श्रद्धालु है जो कथा सुनने के लिए यहां पहुंच चुके है।