“भतीजे ने ही लूटा मौसी का भरोसा! सुने घर का ताला तोड़कर उड़ाए सोने-चाँदी के गहने, राजिम पुलिस ने 24 घंटे में किया खुलासा”
गरियाबंद/राजिम (गंगा प्रकाश)। राजिम थाना क्षेत्र के कौंदकेरा गांव से रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक महिला इलाज के लिए अपनी बेटी के साथ रायपुर गई थी, वहीं उसके भरोसे को उसी के भतीजे ने तार-तार कर दिया। सुने घर का ताला तोड़कर लाखों के जेवर पार करने वाले इस आरोपी को गरियाबंद पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर पकड़कर बड़ा खुलासा कर दिया है।
घटना का पूरा ब्यौरा — मौसी के इलाज के बीच भतीजे ने रचा साजिश का जाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कौंदकेरा निवासी दशोदा कुर्रे अपनी बेटी के साथ अपनी बहन उर्मिला का इलाज कराने रायपुर गई हुई थीं। घर पर ताला लगाकर चाबी पड़ोसी के पास सौंप दी थी। जब वह 15 मई को घर लौटीं, तो दरवाजे का ताला टूटा मिला। भीतर जाकर देखा, तो अलमारी और पेटी का भी ताला टूटा हुआ था। उसमें रखे 24 तोला चाँदी की पायल और सोने की दोरला माला गायब थीं।
थाना राजिम में अज्ञात चोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने त्वरित जांच शुरू की। इस दौरान तकनीकी साक्ष्य, मुखबिर की सूचना और स्थानीय गवाहों के बयान के आधार पर संदेह की सुई प्रार्थिया के ही भतीजे मनहरण सूर्यवंशी पर जा टिकी।
आरोपी भतीजा निकला मास्टरमाइंड, कबूला जुर्म
पुलिस ने मनहरण की गतिविधियों पर नजर रखी और मुखबिर की मदद से उसे हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। मनहरण ने बताया कि 15 मई की सुबह 10 बजे जब मौसी के घर में कोई नहीं था, तब उसने ताला तोड़कर भीतर घुसा और पेटी से गहने चुराकर उन्हें बेचने की योजना बनाई थी। फिलहाल उसने गहनों को अपने घर की अलमारी में छिपा रखा था।
गहनों की बरामदगी और गिरफ्तारी
पुलिस ने आरोपी के बताए स्थान पर दबिश देकर चोरी के 24 तोला चाँदी की पायल और एक सोने की दोरला माला बरामद की। मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 331(4), 305 बी.एन.एस. के तहत आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
थाना राजिम की सराहनीय भूमिका
इस पूरे मामले में थाना राजिम पुलिस टीम की त्वरित कार्यवाही और सतर्कता सराहनीय रही। गांव में इस घटना को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है, जहां एक ओर लोग पुलिस की तत्परता की तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रिश्तों के इस पतन पर गहरा अफसोस भी जाहिर कर रहे हैं।
“जिस घर में खेला, पला-बढ़ा, उसी घर में डाका डाल दिया – इंसानियत और रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला मामला!”