मैनपुर(गंगा प्रकाश)। वन संपदा को बचाने के लिए वन विभाग द्वारा कई प्रकार से प्रयास किया जा रहा है जहां पेड़ लगाने के लिए अनेक तरह के प्रयास किया जा रहा है अनेक योजनाएं चलाई जा रही है जहां फेंसिंग तार से लेकर कई प्रकार के प्रयास किया जा रहे हैं मगर लुके छुपे राजस्थान से आए हुए भेड़ बकरी को लेकर लगातार वन को बर्बाद करने में तुले हुए हैं जिसकी सूचना वन विभाग को रहते हुए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है मगर राजस्थान द्वारा आए हुए भेड़ बकरियों की समुदाय को बर्बाद करने में तुले हुए हैं जिसकी सूचना वन विभाग को रहती है मगर कोई सुध लेने के लिए नहीं पहुंच रहे जहां पहुंचे दैनिक भास्कर के संवाददाता वहां देखे गए की सात भेड़ी समूह में लगभग 20000 का भेड़ समुदाय देखा गया जो लगातार वन को बर्बाद करने में तुले हुए हैं मैनपुर कुल्हाड़ीघाट रेंज धवलपुर रेंज में चिखली पहाड़ बीट पर भेड़ बकरियों का समुदाय डेरा जमाए हुए हैं जहां पर देखा गया कि राजस्थान की भेड़ समूह डेरा लगाया गया है वहां पास पेड़ से सहित अनेक प्रजातियों को वनस्पति को नुकसान पहुंचा रहे राजस्थान से आए भेड़ बकरियों की प्रजातियां पूरी तरह से वनों को विनाश कर रही है जिसकी सूचना मिलते ही दैनिक भास्कर की टीम पहुंच कर देखा गया कि जहां-जहां भेड़ बकरियों की चलना और विचरण करना वहां-वहां घास से लेकर अनेक प्रकार की वन्य प्रजाति की पौधे बर्बाद हो रहे हैं उसे वस्तु स्थिति तक पहुंच कर अगर वन विभाग की टीम देखें तो उनकी समझ में आएगा यह लगभग कुछ महीनो से डेरा जमाए बैठे हैं जो वन विभाग के प्रयासों पर पूरी तरह मट्टी फेर रहे है ।जंगल को पूरी तरह नुकसान पहुंचा हुए हैं।
वनाछादित्य मैनपुर परीक्षेत्र अंतर्गत इन दिनों राजस्थान से भेड़ बकरियों के ग्रुप के साथ यह लोग अपने पैरो तले जंगलों को उजाड़ते चल रहे हैं। जंगलों में तैनात वन कर्मचारियों को या तो इसका पता नही है या यह इनको पकड़ना ही नही चाहते,
मामला है धवलपुर और मैनपुर के बीच चिखली पठार के समीप सात भेड बकरियों के अलग अलग समूह में लगभग 20 हजार के तादाद में मवेशियों को लेकर जंगली के कोपल पौधो को नुकसान पहुंचाते चल रहे है । नही जन्हा इनका डेरा है उसी जगह पर सरकार ने बांस का प्लांटशन लगा हुआ है । उल्लेखनीय है की इन डेरे वालो पर वन विभाग ने प्रतिबंध लगाए हुए है , कारण की भेड़ बकरियों के खुर और पेशाब से जंगलों का नुकसान हो रहा है । और ये डेरे वाले है की अपने मवेशियों को लेकर जंगलों की ओर आ जाते है ।