गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। दैनिक उपयोग में आने वाली इलेक्ट्रिक बिजली की खपत अब रीडिंग मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर यानी मोबाईल की तरह पहले पैसा पटाओ फिर बिजली जलावो योजना के अन्तर्गत लाए जाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाना शुरू भी कर दिया गया है। इससे ग्रामीण उपभोक्ता काफी संशकीत है। युवा कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष, जनपद पंचायत फिंगेश्वर के उपाध्यक्ष योगेश साहू ने स्मार्ट बिजली मीटर योजना को षडयंत्र पूर्वक सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र के निजीकरण और से कारपोरेट कंपनी को सौंपने की मुहिम का हिस्सा बताया है। श्री साहू ने कहा कि पूरे देश से आ रही रिपोर्टो से स्पष्ट है कि स्मार्ट मीटर की संरचना इस तरह डिजाइन की जा रही है कि वे डिजिटल मीटर से ज्यादा तेजी से चलते है और वास्तविक खपत से ज्यादा दर्ज करते है। इस प्रकार ये मीटर उपभोक्तओं पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला साबित हो रहे है। अतः इन स्मार्ट मीटरों की उपयोगिता संदेह के दायरे में है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटरों को पहले चार्ज कराना होगा। इससे स्पष्ट है कि जो गरीब पहले जेब से पैसे खर्च करने में असमर्थ होंगे, वे अंधेरे में रहने को मजबूर होंगे। इसके साथ ही बिजली की दरों को तय करने में नियामक आयोग की भूमिका खत्म हो जाएगी और बिजली दरों को कभी भी बढ़ाया जा सकेगा। इससे आम जनता की बदहाली और बढ़ेगी। इस प्रकार यह योजना राज्य में अंधकार युग की दस्तक साबित होगी। उन्होंने कहा कि हिन्डेनबर्ग रिपोर्ट से साफ है कि अपने मुनाफे के लिए निजी कारपोरेट कंपनी किस तरह की व्यावसायिक जालसाजी कर रही है और आम जनता की जेब में डाका डाल रही है। योगेश साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली क्षेत्र में कारपोरेट कंपनियों का प्रवेश आम जनता के लिए संकट का कारण बनेगा। उत्तरप्रदेश एवं विभिन्न प्रदेशों के अनुभव से स्पष्ट है कि यदि निजी हाथों को स्मार्ट मीटर लगाने टेंडर मिलता है, तो राजस्व पर हजारों करोड़ रूपयों से अधिक का अतिरिक्त भार खजाने पर पड़ेगा, जो भविष्य में आम जनता से ही वसूले जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिजली राज्य का विषय है और केंद्र सरकार की इसमें दखलंदाजी स्वीकार नहीं की जानी चाहिए, लेकिन राज्य में कथित डबल इंजन की सरकार केंद्र के रिमोट पर चलकर एक उददेश्य बना लिया है कि बिजली क्षेत्र में निजीकरण की मुहिम को बढ़ाना और इसे अडानी जैसे अन्य कारपोरेट कंपनी को सौंपना। इससे उपभोक्ताओं में अभी से भय व्याप्त हो गया है।
रिडिंग की जगह स्मार्ट मीटर लगने से गरीब उपभोक्ता होंगे परेशान, इस योजना से कारपोरेट कंपनियों का बढ़ेगा मुनाफा-योगेश साहू
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