जिले के सुदूर वनांचल ग्राम जाकडबांधा में आयोजित “भक्तिमय भजन कार्यक्रम” में शामिल हुई जिपं सदस्य दुर्गा उमाशंकर साहू
सदाराम कश्यप
मुंगेली (गंगा प्रकाश)। जिला पंचायत सदस्य दुर्गा उमाशंकर साहू ने जिले के विकास खण्ड लोरमी के सुदूर वनांचल व वनों से वांछित ग्राम जाकडबांधा पहुँचे और वहां वनदेवी गणेशोत्सव समिति द्वारा आयोजित “भक्तिमय भजन कार्यक्रम” में शामिल हुआ। इस दौरान भगवान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना कर ग्रामवासियों के सुख, शांति खुशहाली और फसल अच्छी होने की कामना की।
जिला पंचायत सदस्य दुर्गा उमाशंकर साहू ने गणेश चतुर्थी एवं शिक्षक दिवस की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए ग्रामवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि
सुखी एवं समृद्ध जीवन के आधार गणेशजी है। उन्होंने कहा कि भगवान गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वे सात्विक देवता हैं और विघ्नहर्ता हैं। वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है बल्कि विदेशों में भी घर-कारों-कार्यालयों एवं उत्पाद केन्द्रों में विद्यमान हैं। हर तरफ गणेश ही गणेश छाए हुए है। मनुष्य के दैनिक कार्यों में सफलता, सुख-समृद्धि की कामना, बुद्धि एवं ज्ञान के विकास एवं किसी भी मंगल कार्य को निर्विघ्न सम्पन्न करने हेतु गणेशजी को ही सर्वप्रथम पूजा जाता है, याद किया जाता है। प्रथम देव होने के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व बहुआयामी है, लोकनायक का चरित्र हैं। भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी को सिद्धि विनायक भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। गणेश के रूप में विष्णु शिव-पावर्ती के पुत्र के रूप में जन्म थे। उनके जन्म पर सभी देव उन्हें आशीर्वाद देने आए थे। विष्णु ने उन्हें ज्ञान का, ब्रह्मा ने यश और पूजन का, धर्मदेव ने धर्म तथा दया का आशीर्वाद दिया। शिव ने उदारता, बुद्धि, शक्ति एवं आत्म संयम का आशीर्वाद दिया। लक्ष्मी ने कहा कि जहां गणेश रहेंगे, वहां मैं रहूंगी।’ सरस्वती ने वाणी, स्मृति एवं वक्तृत्व-शक्ति प्रदान की। सावित्री ने बुद्धि दी। त्रिदेवों ने गणेश को अग्रपूज्य, प्रथम देव एवं रिद्धि-सिद्धि प्रदाता का वर प्रदान किया। इसलिये वे सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदैशिक लोकप्रियता वाले देव है। वे भारत सहित सिंध और तिब्बत से लेकर जापान और श्रीलंका तक की संस्कृति में समाये हैं। वे जैन सम्प्रदाय में ज्ञान का संकलन करने वाले गणाध्यक्ष के रूप में मौजूद रहते हैं तो बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा का विश्वास है कि गणेश की स्तुति के बिना मंत्र सिद्धि नहीं हो सकती।
इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामवासी एवं सर्व समाज के लोग उपस्थित रहे।