Cgnews: सुरसाबांधा में सुशासन तिहार का महाधमाका : जनसेवा की मिसाल बनी समाधान शिविर, 10,666 आवेदन हुए निराकृत
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ में सुशासन अब किसी नारे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि धरातल पर उतरकर आमजन की समस्याओं का समाधान बन चुका है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सोमवार को फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम सुरसाबांधा में आयोजित समाधान शिविर में देखने को मिला, जहां प्रशासनिक अमले और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर सुशासन तिहार को जनमंगल महोत्सव में तब्दील कर दिया। इस ऐतिहासिक शिविर में कुल 10,675 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 10,666 का त्वरित निराकरण कर एक नया कीर्तिमान रच दिया गया।

शिविर बना सरकारी योजनाओं का मेला
सुशासन तिहार के तीसरे चरण में आयोजित इस शिविर में शासन की लगभग सभी प्रमुख योजनाओं को जमीन पर उतारा गया। शिविर में समाज कल्याण, मत्स्यपालन, कृषि, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित कई अन्य विभागों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए और पात्र हितग्राहियों को मौके पर ही लाभ प्रदान किया।
- समाज कल्याण विभाग द्वारा एक ट्राइसायकल और एक बैशाखी का वितरण किया गया, जिससे दिव्यांगजनों को सुविधा मिली
- मत्स्यपालन विभाग ने स्थानीय मछुआरों को 5 मछली जाल और दो आइस बॉक्स वितरित किए, जिससे उनकी आयवर्धन की संभावनाएं बढ़ी।
- कृषि विभाग ने चार किसानों को धान बीज और चार को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए।
- स्वास्थ्य विभाग ने 20 गर्भवती महिलाओं को मेडिकेटेड मच्छरदानी दी और नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था भी की गई।
- महिला एवं बाल विकास विभाग ने पारंपरिक गोद भराई और अन्नप्राशन जैसे संस्कार संपन्न करवाकर सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
नेताओं और अफसरों की फौज ने दिखाई सक्रियता
कार्यक्रम की शोभा तब और बढ़ गई जब छत्तीसगढ़ राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष चंदूलाल साहू ने शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन पहल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि “यह कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री की जमीनी सोच का परिणाम है कि आज पूरे प्रदेश में अफसर और जनप्रतिनिधि खुद ग्रामीणों के द्वार पर जाकर समस्याएं सुलझा रहे हैं।”
कलेक्टर बी.एस. उइके ने जानकारी दी कि सुरसाबांधा क्लस्टर में कुल 15 ग्राम पंचायतें शामिल थीं, जिनमें लोहरसी, भेण्ड्री, रवेली, सहसपुर, धुरसा, तर्रा, कुरूसकेरा, सुरसाबांधा, कुण्डेल, बरोंडा, सिंधौरी, चौबेबांधा, श्यामनगर, लफंदी और परतेवा प्रमुख हैं।
उन्होंने बताया कि इन पंचायतों से प्राप्त 10,675 आवेदनों में से 10,666 का समाधान मौके पर ही कर दिया गया है, जबकि शेष 9 आवेदन उच्च कार्यालय को भेजे गए हैं। जैसे ही स्वीकृति प्राप्त होगी, उनका भी समाधान कर दिया जाएगा।
कलेक्टर ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए। 15 मई तक नाम जोड़ने का सर्वे पूरा किया गया है और जिनके नाम स्वीकृत हुए हैं, वे आवास निर्माण में तेजी लाएं।
कृषि और आयवर्धन की दी दिशा
कलेक्टर ने किसानों से फसल चक्र परिवर्तन की अपील करते हुए कहा कि “धान के एकमात्र विकल्प पर निर्भरता से बाहर निकलें और अन्य नकदी फसलों को अपनाएं।” इससे किसानों की आय बढ़ेगी और भूमियों का टिकाऊ उपयोग संभव होगा।
उपस्थित रहे गणमान्य अतिथि और भारी जनसैलाब
शिविर में जनपद अध्यक्ष श्रीमती इंद्राणी साहू, जिला पंचायत सदस्य इंद्रजीत महाड़िक, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, अपर कलेक्टर नवीन भगत, एसडीएम विशाल महाराणा, डिप्टी कलेक्टर सुश्री अंजली खलको, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत सहित अनेक विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी, जिसने शिविर को जनमहोत्सव का रूप दे दिया।
शिविर बना सुशासन का आदर्श
यह समाधान शिविर केवल समस्याओं का समाधान नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की प्रतिबद्धता और नागरिक सहभागिता का संगम बन गया। ग्रामीणों के चेहरों पर संतोष और खुशी का भाव यह स्पष्ट करता है कि यदि शासन चाहे तो हर गांव, हर व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है।
निष्कर्ष
सुरसाबांधा का यह शिविर एक मिसाल है कि जब सरकार और जनता एक साथ खड़े हों, तो कोई भी समस्या असंभव नहीं रह जाती। सुशासन तिहार सिर्फ सरकारी अभियान नहीं, बल्कि “गांव की चौपाल में शासन की उपस्थिति” है, जहां समस्याएं नहीं समाधान मिलता है।