सूचना का अधिकार बना मजाक, 25 वर्षों से जमे अधिकारी की मनमानी, शासकीय ज़मीन पर कब्जा, उच्च अधिकारियों से भी छिपाया गया सच
यदिंद्रन नायर
बीजापुर (गंगा प्रकाश)। बीजापुर जिले के राजस्व विभाग में RTI अधिनियम की खुलेआम अवहेलना और शासकीय ज़मीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है, जहाँ 25 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारी और उनकी पत्नी (जो स्वयं भी विभाग में कार्यरत हैं) ने पद और प्रभाव का नाजायज लाभ उठाते हुए, अपने परिवार के नाम से शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण कर लिया है।
यह पूरा मामला केवल विभागीय लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित फ्रॉड का रूप ले चुका है।
उच्च अधिकारियों से छुपाया जा रहा है मामला
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विवादित भूमि से जुड़े गंभीर तथ्यों और शिकायतों को संबंधित अधिकारी जानबूझकर अपने उच्चाधिकारियों से छिपा रहा है।
RTI के जवाबों में भी इस प्रकरण का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया जा रहा है। यह दर्शाता है कि यह अधिकारी न केवल नियमों को तोड़ रहा है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र को गुमराह कर रहा है, जिससे जांच या कार्रवाई की कोई संभावना ही न बचे।
RTI आवेदकों को भ्रमित करने की रणनीति
सूचना मांगने पर:
- आवेदकों को एक दफ्तर से दूसरे में दौड़ाया जाता है,
- अधूरी या गुमराह करने वाली जानकारी दी जाती है,
- और फाइलें जानबूझकर “लापता” बताई जाती हैं।
यह सब एक पूर्व नियोजित योजना के तहत होता है जिससे असली सच सामने न आ सके।
शासकीय ज़मीन पर निर्माण, अब तक कार्रवाई नहीं
सूत्रों के मुताबिक, उक्त अधिकारी ने विवादित शासकीय भूमि को अपनी माता के नाम दर्शा कर उस पर पक्का मकान बना लिया है।
प्रशासनिक रिकॉर्ड में हेरफेर कर यह संपत्ति कब्जे में ली गई, और अब तक इस पर कोई जांच या जवाबदेही तय नहीं हुई है।
जनता की मांग – हो निष्पक्ष जांच और निलंबन
अब इस मामले में यह मांगे तेज हो गई हैं:
- दोनों अधिकारियों का तत्काल तबादला किया जाए।
- शासकीय ज़मीन पर हुए कब्जे की स्वतंत्र जांच हो।
- RTI से जुड़ी सभी जानकारी को सार्वजनिक किया जाए।
- फ्रॉड कर चुके अधिकारी को निलंबित किया जाए।