ऑपरेशन सिंदूर 2025: एक रात, 9 हमले और आतंक पर भारत का ऐतिहासिक प्रहार
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक पर एक सांस्कृतिक और सैन्य प्रहार
नई दिल्ली। 7 मई 2025 की रात इतिहास में दर्ज हो गई, जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंक के खिलाफ एक निर्णायक हमला किया। यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की बदलती रणनीति और अस्मिता का प्रतीक बन गया।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
भारत सरकार और सेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। हमले के केंद्र में थे: बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का गढ़), मुरिदके (लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा), कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद (हिज्बुल मुजाहिदीन के बेस कैंप)।
कैसे हुआ हमला?
रात 1:44 AM पर भारतीय वायुसेना के मिराज और सुखोई जेट पाकिस्तान की वायुसीमा में दाखिल हुए। सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर एक-एक आतंकी अड्डे को मिसाइल और बम से तबाह कर दिया गया। पाकिस्तान के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देते हुए यह ऑपरेशन मात्र 27 मिनट में पूरा कर लिया गया।
भारत की रणनीति: “बात नहीं, अब बदला”
2016 और 2019 की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह तीसरी और सबसे बड़ी कार्यवाही थी, लेकिन इस बार भारत ने इसे “सांस्कृतिक हमला” करार दिया। ‘सिंदूर’ भारतीय नारी के सम्मान और राष्ट्र की गरिमा का प्रतीक है, और इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने संदेश दिया – अब जो हाथ इस अस्मिता को छुएगा, वो जलकर राख हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
UNO, OIC या चीन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के दबाव की चिंता किए बिना भारत ने यह हमला किया। भारत ने स्पष्ट किया – यह हमला पाकिस्तान पर नहीं, बल्कि आतंकवाद पर था। दुनिया के बड़े देशों ने भारत के साहस और रणनीतिक स्पष्टता की सराहना की।
Conclusion: नया भारत, नई नीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वह केवल बातें नहीं करेगा, बल्कि प्रतिशोध भी पूरी तैयारी से लेगा। यह सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत की वैचारिक शक्ति, सुरक्षा नीति और सांस्कृतिक चेतना का संगम था।