गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम कार्यक्रम के तहत 7 दिसंबर को महापरीक्षा अभियान का आयोजन भगवान सिंह उइके जिला कलेक्टर व प्रखर चंद्राकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गरियाबंद के निर्देशन एवं जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर एवं जिला परियोजना अधिकारी बुद्धविलास सिंह के मार्गदर्शन में किया गया. इस विशेष अभियान में 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षर नागरिकों ने साक्षर बनने के संकल्प के साथ बड़े उत्साह से महापरीक्षा में भाग लिया. जिला परियोजना अधिकारी बुद्धविलास सिंह ने बताया कि उल्लास महापरीक्षा अभियान में कुल 5165 विद्यार्थियों का पंजीयन कराया गया एवं पूर्व में पंजीकृत 3818 शिक्षार्थी जिसमें से 7139 परीक्षार्थियों ने गरियाबंद जिले के पांचो विकासखंड के अंतर्गत बनाए गए कल 503 परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी शामिल हुए. वहीं उप जेल में महापरीक्षा अभियान के अंतर्गत कुल 23 पंजीकृत शिक्षार्थियों में 21 शिक्षार्थी सम्मिलित हुए.साथ ही किसान पारा स्कूल गरियाबंद में आत्मसमर्पित 23 नक्सलियों ने भी महा परीक्षा अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए परीक्षा दिलाकर साक्षर बनने हेतु एक कदम बढ़ाया. उन्होंने आगे बताया कि उल्लास महापरीक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को साक्षर बनाना है जो बाल्यावस्था में शिक्षा से वंचित रह गए थे. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उस लक्ष्य का हिस्सा है जिसमें 2027 तक देश को पूर्ण साक्षर बनाने का संकल्प शामिल है. जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर ने कहा कि इस परीक्षा का मूल उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के असाक्षर नागरिकों को पढ़ना, लिखना, गणना और आवश्यक जीवन कौशलों से सशक्त बनाना है ताकि वह समाज में आत्मविश्वास के साथ योगदान दे सके. इस महा परीक्षा अभियान में विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो की भी भागीदारी देखने के योग्य रही जो पढ़ाई से वर्षों से दूर रहने के बावजूद उन्होंने साक्षर बनने के अपने संकल्प को मजबूत रखते हुए पूरी निष्ठा से परीक्षा दी. इस महत्वपूर्ण महा परीक्षा अभियान को सफल बनाने में जिला कलेक्टर जिला कलेक्टर भगवान सिंह उइके, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गरियाबंद प्रखर चंद्राकर, पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर, जिला परियोजना अधिकारी बुद्ध विलास सिंह, विकासखंड शिक्षा अधिकारी गजेंद्र धु्रव के अलावा सभी विकासखंडो के विकासखंड शिक्षा अधिकारी, विकासखंड स्रोत समन्वयक, संकुल प्राचार्य, संकुल समन्वयक व शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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