भारत युवाओं के देश है, लेकिन अब युवाओं की सेहत पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हाल की में हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की है। स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हैदराबाद में IT सेक्टर में काम करने वाले 84% से ज्यादा लोग फैटी लिवर से जूझ रहे हैं। इसमें ज्यादातर लोग 25 साल से 45 साल की उम्र के हैं। युवाओं में बढ़ते फैटी लिवर का कारण डेस्क जॉब और खराब लाइफस्टाइल को बताया जा रहा है। जानिए फैटी लिवर के क्या लक्षण हैं और फैटी लिवर कितना खतरनाक है?
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फैटी लिवर का सबसे पहला लक्षण
फैटी लिवर के लक्षण शुरुआत में बहुत सामान्य होते हैं। इन्हें बिना टेस्ट के पहचान पाना मुश्किल है। लेकिन एक बड़ा सामान्य लक्षण है जिससे फैटी लिवर का पता लग जाता है। ये है आपके पेट और कमर के आसपास फैट बढ़ना। अगर आपका पेट निकल रहा है मोटा हो रहा है तो समझ लें फैटी लिवर की शुरुआत हो चुकी है। अगर आपकी गर्दन का साइज बढ़ रहा है और गर्दन पर कालापन आ रहा है तो ये टैनिंग नहीं फैटी लिवर की वजह हो सकती है। जब शरीर के अंदर फैट बढ़ने लगता है तो ये आपके लिवर, अग्न्याशय और पेट जैसी जगहों पर चर्बी बढ़ाने लगता है।
फैटी लिवर के लक्षण
- भूख में कमी
- पीलिया होना
- डार्क कलर का पेशाब आना
- पेट और पैरों में सूजन आना
- खाने के बाद मितली आना
कितना खतरनाक है फैटी लिवर?
फैटी लिवर को लोग हल्के में लेने लगे हैं। लोग ये कहकर टाल देते हैं कि फैटी लिवर तो सबको हो रहा है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि फैटी लिवर शरीर में बीमारियों का मकड़जाल बुनने लगता है। शरीर के दूसरे अंगों पर इसका बुरा असर होता है। लिवर जब फैट से भर जाता है तो ये फैट खून में पहुंच जाता है। जिससे हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने लगती है। फैटी लिवर होने से हार्ट में फैट जमा होने लगता है जो दिल की बीमारियां बढ़ाता है। यही फैट दिमाग में चला जाए तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा पैदा करता है। गॉलब्लैडर में फैट गया तो वहां स्टोन बना देता है। किडनी में फैट गया तो किडनी फंक्शन पर असर करता है। इसलिए फैटी लिवर शरीर में पनपने वाली सारी बीमारियों की मुख्य जड़ है।
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