
सदाराम कश्यप
मुंगेली (गंगा प्रकाश)। बाल अधिकारों के प्रभावी संरक्षण के लिए विगत कुछ वर्षों में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अत्यंत महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। बच्चों के अधिकार के प्रभावी संरक्षण एवं बाल हित को सर्वोत्तम प्राथमिकता देने की श्रृंखला में केंद्र सरकार द्वारा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 लागू किया गया हैं। भारत सरकार ने बच्चों के सर्वोत्तम हित में की गई अंतर्राष्ट्रीय संधियों तथा बच्चों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पृष्ठभूमि में यह अधिनियम लागू किया गया है जो वर्ष 2006 में असाधारण राजपत्र में अधिसूचना जारी कर प्रकाशित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को बच्चा माना जाता है। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिलें के तीन विकासखंड में लगभग 45 ग्राम में नट समुदाय के लोग निवास करते हैं जो भिक्षावृत्ति का कार्य करते हैं साथ में बच्चों को भिक्षा वृत्ति ले जाते हैं बच्चों के द्वारा भिक्षावृत्ति के लत होने से उनके मानसिकता भिक्षावृत्ति करना ही हो जाता हैं, इसलिए बच्चों भी शिक्षा से जूड़ नहीं पाता हैं, बच्चे शिक्षा वंचित रह जाते हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग एवं आस्था समिति चाइल्ड लाइन मुंगेली के द्वारा भिक्षावृत्ति को लेकर विशेष जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ बाल आयोग के द्वारा नट समुदाय मुखिया का एक दिवसीय बैठक आयोजित किया गया। बैठक में बच्चों को भिक्षावृत्ति ना कराने की विषय पर चर्चा किया साथ में बच्चों को स्कूल में जोड़ने हेतु प्रेरित किया। आस्था समिति चाईल्ड लाईन मुंगेली के द्वारा नट समुदाय के अलग-अलग गांव में जाकर समुदाय के लोगों को भिक्षावृत्ति ना कराने के लिए प्रेरित कर, जिसमें 84 बच्चों के द्वारा भिक्षावृत्ति किया जा रहा था, उस बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया, आस्था समिति चाईल्ड लाईन के द्वारा उन बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया। जिसमें लगभग 15 बच्चें अन्य राज्य से अपने परिवार के आये थे, भिक्षा वृत्ति कर रहे बच्चों को काउंसलिंग कर ना करने समझाइश दिया गया। जिले में स्लम क्षेत्र के अधिकतर बच्चे नशे के शिकार होते जा रहे हैं जिसमें आस्था समिति चाईल्ड लाईन मुंगेली के द्वारा लगभग 40 बच्चों को चिन्हाकन करके बच्चे को काउंसलिंग एवं लगातार फालोअप करके नशा से छोड़वाया गया, उन बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया। मुंगेली जिले में पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार में आस्था समिति चाईल्ड लाईन के द्वारा 15 दिवसीय लगातार 31 मई 2022 से 14 जून तक नशा के विरुद्ध रोकथाम अभियान चलाया गया। जिसमें 6800 लोगों को जागरूक किया गया। आस्था समिति चाईल्ड लाईन मुंगेली के द्वारा जिले में ग्राम धन गांव गोसाईं को मांडल बनाया जा रहा हैं । पंचायत के सहयोग से बच्चों को नशा से रोकने के लिए सभी किराना दुकानदार का बैठक रखा गया ! दुकान दार को किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015 के धारा 77 एवं 78 के बारे में जागरूक किया गया। पंचायत के द्वारा बच्चों को नशा संबंधित सामाग्री देने पर आर्थिक दंड देने के लिए पंचायत द्वारा प्रस्तावित किया गया दुकानदार की निगरानी के लिए बच्चों की 4 समूह बनाया गया हैंं। समूह के द्वारा निगरानी किया जा रहा हैं।
जिले में स्लम क्षेत्र के अधिकतर बच्चें नशे के शिकार होते जा रहे हैं जिसमें आस्था समिति चाईल्ड लाईन मुंगेली के द्वारा 48 बच्चों को चिन्हाकन करके, बच्चों को काउंसलिंग एवं लगातार फालोअप करके नशा से छोड़वाया गया, उन बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया।
मुंगेली जिले में पुलिस विभाग एवं यूनिसेफ के माध्यम से तीन थाना को बालमित्र थाना बनाया जा रहा है, थाना जरहागांव में बच्चों को खेल कूद सामाग्री देकर थाना के ग्राउंड में प्रत्येक रविवार खेल कूद कराया जाता हैं एवं थाने के सभा कक्ष में बच्चों को पुलिस विभाग, यूनीसेफ एवं चाईल्ड लाईन के द्वारा अलग अलग तीन दिन तक बच्चों को प्रशिक्षण / कार्यशाला के माध्यम से बाल संरक्षण एवं बाल अधिकारों, गुड टच, बैड टक के संबंध में जागरुक, बाल सुरक्षा हेतु प्रेरित किया गया।
( मीडिया कलेक्टिव फार चाइल्ड राइट्स इनिशिएटिव और एमसीसीआर फेलोशिप के लिए )