पुरी शंकराचार्य Posted on November 5, 2022November 5, 2022 by प्रकाश कुमार यादव शब्द ब्रह्मात्मक वेद अक्षर संज्ञक परब्रह्म से समुद्भूत है। अतएव वेदविहित कर्म समुद्भूत यज्ञ में सदा ही अक्षराधिष्ठित शब्द ब्रह्मात्मक वेद सन्निहित है। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 26, 2022 0 गुणों में क्षोभ के अनन्तर रजोगुण के नियामक ब्रह्मा / सत्त्वगुण के नियामक विष्णु और तमोगुण के नियामक शिवरूप से एक ही सर्वेश्वर व्यक्त होते […]
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 7, 2022 0 बौद्धकालीन शासन में अहिंसा के नाम पर हिंसा का / सत्य के नाम पर मिथ्या भाषण का / अस्तेय के नाम पर चौर्य का / […]
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 24, 2022 0 शिक्षा , रक्षा , संस्कृति , सेवा तथा धर्म और मोक्ष के संस्थान धार्मिक और आध्यात्मिक दुर्ग मठ – मन्दिरों की विपन्नता तथा दिशाहीनता हिन्दू […]