पुरी शंकराचार्य Posted on November 12, 2022November 12, 2022 by प्रकाश कुमार यादव धर्म अर्थ और काम का साधक तथा मोक्ष का ख्यापक है। अत: धर्मावलम्बन आवश्यक है। धर्म से अर्थ सुलभ होता है / धर्म से काम समुत्पन्न होता है / धर्म स्वयं धर्म है ही ; अपवर्ग रूप मोक्ष का अभिव्यञ्जक भी धर्म ही है। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 17, 2022 0 हर देश में / हर काल में / हर परिस्थिति में / हर व्यक्ति के लिये जो सिद्धान्त उपयोगी हो उसी का नाम सनातन सिद्धान्त […]
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 2, 2022 0 उत्पत्ति / स्थिति / संहृति / निग्रह और अनुग्रह लक्षण लक्षित परमात्मा की जगत् कल्याणार्थ विविध अभिव्यक्तियों को देव कहा जाता है।
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 1, 2022 0 निर्गुण निराकार ब्रह्म का सगुण निराकार और सगुण साकार स्वरूप अवतार है। निर्गुण निराकार ब्रह्म जल / स्थल और नभ में विद्युत् तुल्य है।