जी 20 को विश्व कल्याण का प्रमुख श्रोत बनायेंगे – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी  

बाली/इंडोनेशिया (गंगा प्रकाश) –  इंडोनेशिया ने बुधवार को दो दिवसीय बाली शिखर सम्मेलन के समापन के साथ ही अगले एक साल के लिये भारत को जी -20 की अध्यक्षता सौंपी। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी -20 की अध्यक्षता सौंपी। भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता सम्हालेगा।जी-20 समूह की अध्यक्षता लेते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समूह की अध्यक्षता स्वीकार करना हर एक भारतीय नागरिक के लिये गर्व की बात है। हमें महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा , ये हमारी प्राथमिकता होगी। हम अपने विभिन्न शहरों और राज्यों में बैठकें आयोजित करेंगे। सभी देशों के प्रयासों से हम जी -20 शिखर सम्मेलन को वैश्विक कल्याण का प्रमुख स्रोत बना सकते हैं। अगले एक साल में हमारी कोशिश होगी कि जी -20 एकजुट होकर काम करे और ग्लोबल प्राइम मूवर के तौर पर उभरे , इस वक्त दुनियां भारत की ओर देख रही है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में मेहमानों को देश की अद्भुदता विविधता समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत की जी -20 अध्यक्षता समावेशी , महत्वाकांक्षी , निर्णायक और क्रिया उन्मुख होगी। हमारा प्रयत्न रहेगा की जी – 20 नये विचारों की परिकल्पना और सामूहिक एक्शन को गति देने के लिये एक ग्लोबल प्राइम मूवर की तरह काम करेगा। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि जी-20 की यह अध्‍यक्षता मिलना वैश्विक फलक पर जहां भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है , वहीं अगला एक साल नई दिल्‍ली के लिये बहुत चुनौतीपूर्ण और अवसरों से भरा दोनों ही होने जा रहा है।

वर्तमान विश्व की आशाभरी निगाहें जी 20 पर – पीएम मोदी 

बाली में दो दिवसीय आयोजित जी -20 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन बुधवार को पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि भारत जी -20 का जिम्मा ऐसे समय ले रहा है जब विश्व जियो पॉलिटिकल तनावों , आर्थिक मंदी और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों और महामारी के दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय विश्व जी -20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। पीएम मोदी ने जी -20 समिट में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के तीसरे चरण को संबोधित करते हुये कहा कि पिछले कुछ वर्षों के भारत के अनुभव ने हमें दिखाया है कि अगर हम डिजिटल आर्किटेक्चर को समावेशी बनाते हैं , तो यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत के 40 प्रतिशत से अधिक रीयल टाइम भुगतान यूपीआई के जरिए हुई। इसी तरह हमने डिजिटल पहचान के आधार पर 460 मिलियन नये बैंक खाते खोले। भारत आज वित्तीय समावेशन में आगे हो गया है।डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- कई टेक इनोवेशन हमारे युग के बड़े ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन गये हैं। गरीबी से लड़ने में टेक्नोलॉजी ने काफी मदद की है। डिजिटल सॉल्यूशन हमारे लिये क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि यह हम जी-20 नेताओं की जिम्मेदारी है कि डिजिटल परिवर्तन के लाभ मानव जाति के एक छोटे से हिस्से तक ही सीमित ना हों। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी -20 नेताओं के साथ बाली के मैंग्रोव फॉरेस्ट में पौधारोपण भी किया।

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