पुरी शंकराचार्य Posted on November 19, 2022November 19, 2022 by प्रकाश कुमार यादव हितैषी / हितज्ञ / हित करने में तत्पर तथा समर्थ शूर / सुशील / ओजस्वी और अमोघदर्शी राजा को आदर्श माना गया है। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 25, 2022 0 सुषुप्ति की समुपलब्धि के लिये बाह्याभ्यन्तर द्रव्य / भोग और सुख से उपरामता अनिवार्य है।
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 2, 2022 0 उत्पत्ति / स्थिति / संहृति / निग्रह और अनुग्रह लक्षण लक्षित परमात्मा की जगत् कल्याणार्थ विविध अभिव्यक्तियों को देव कहा जाता है।
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 27, 2022 0 तामस सर्ग की अपेक्षा राजस सर्ग का और राजस सर्ग की अपेक्षा सात्विक सर्ग का अधिक महत्व है , त्रिविध सर्ग की परार्थता भी सिद्ध […]