पुरी शंकराचार्य Posted on November 21, 2022November 21, 2022 by प्रकाश कुमार यादव सनातन धर्मियों के यज्ञादि सब प्रकल्प सर्वहित की भावना से भावित होने के कारण लौकिक – पारलौकिक उत्कर्ष के ख्यापक हैं ; तद्वत् व्यवहार और परमार्थ के परिपोषक हैं। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 1, 2022 0 निर्गुण निराकार ब्रह्म का सगुण निराकार और सगुण साकार स्वरूप अवतार है। निर्गुण निराकार ब्रह्म जल / स्थल और नभ में विद्युत् तुल्य है।
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 26, 2022 0 गुणों में क्षोभ के अनन्तर रजोगुण के नियामक ब्रह्मा / सत्त्वगुण के नियामक विष्णु और तमोगुण के नियामक शिवरूप से एक ही सर्वेश्वर व्यक्त होते […]
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 15, 2022 0 वैदिक संस्कारों से देह / इन्द्रिय / प्राण और अन्त:करण का शोधन होता है। लौकिक तथा पारलौकिक अभ्युदय सुलभ होता है तथा नि:श्रेयस रूप मोक्ष […]