पुरी शंकराचार्य Posted on December 4, 2022December 4, 2022 by प्रकाश कुमार यादव भूख और प्यास के निवारक अन्न तथा जल के अस्तित्व को स्वीकार करने के सदृश मृत्यु / अज्ञता और दु:ख के निवारक सत् / चित् तथा आनन्द के अस्तित्व को स्वीकार करना आवश्यक है। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 15, 2022 0 वैदिक संस्कारों से देह / इन्द्रिय / प्राण और अन्त:करण का शोधन होता है। लौकिक तथा पारलौकिक अभ्युदय सुलभ होता है तथा नि:श्रेयस रूप मोक्ष […]
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव January 3, 2023 0 आत्मा निर्द्वन्द्व / निर्गुण तथा असङ्ग है – इस तथ्य के बोध से द्वन्द्वबीज अज्ञान का उपशम सम्भव है।
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 7, 2022 0 बौद्धकालीन शासन में अहिंसा के नाम पर हिंसा का / सत्य के नाम पर मिथ्या भाषण का / अस्तेय के नाम पर चौर्य का / […]