शेर की तरह जीने की शिक्षा दी बाबा साहब ने :- डॉ बी डी जांगड़े

महाविद्यालय मालखरौदा में मनाया गया महापरिनिर्वाण दिवस

करन अजगल्ले

सक्ती (गंगा प्रकाश)। आधुनिक भारत के स्वप्न दृष्टा भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर शासकीय वेदराम महाविद्यालय मालखरौदा में  महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के छाया चित्र में माल्यार्पण करके एवं मौन धारण करते हुए किया गया। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस प्रभारी आर के कुर्रे द्वारा किया गया।

 इस दौरान संस्था प्रमुख डॉ बी डी जांगड़े ने महाविद्यालय के सभी छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सौ दिन भेड़ बकरियों की तरह जीने से अच्छा एक दिन शेर की तरह कैसे जिया जाय इसकी शिक्षा हमे बाबा साहेब ने दिया। उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहेब ने निम्न तबके के दबे कुचले लोगो को उनका हक और अधिकार भारतीय संविधान के माध्यम से दिलवाया है आज हम यहां शूट बूट के साथ बैठे है यह सभी बाबा साहब की देन है। जो शिक्षा प्राइवेट संस्था में 15 हजार देकर प्राप्त होता है आज वह हमें 15 सौ में सरकारी संस्था में मिल रहा है यह सभी बाबा साहब की ही देन है आज हम सब उनको नमन करते है।

वही आज कार्यक्रम में जहां मुख्य रूप से महाविद्यालय मालखरौदा के डॉ बी डी जांगड़े, यू एन जायसवाल, गंगाराम जोशी, वासुदेव एक्का, आर. के. कुर्रे, एल. आर. कोसरिया, आर. आर. खूंटे, डॉ योगेश्वर बघेल, कौशिल्या मन्नेवार, देवानंदनी अजगल्ले, सुशीला रात्रे,  बसन्त लाल जोगी, कुशल सिंह पोर्थे, यू. एस. बर्मन, शंकरलाल, श्याम सिदार, बाबूलाल सिदार, दाताराम एवं समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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