बौद्धकालीन शासन में अहिंसा के नाम पर हिंसा का / सत्य के नाम पर मिथ्या भाषण का / अस्तेय के नाम पर चौर्य का / ब्रह्मचर्य के नाम पर व्यभिचार का और अपरिग्रह के नाम पर परिग्रह का साम्राज्य छा चुका था।
सर्वकारण सच्चिदानन्द स्वरूप सर्वेश्वर की यज्ञ संज्ञा है। सर्वकारण सर्वेश्वर की सर्वरूपों में अभिव्यक्ति सृष्टि है ; जो कि यज्ञ सामग्री तथा यज्ञफल से सम्पन्न […]