पुरी शंकराचार्य

बौद्धकालीन शासन में अहिंसा के नाम पर हिंसा का / सत्य के नाम पर मिथ्या भाषण का / अस्तेय के नाम पर चौर्य का / ब्रह्मचर्य के नाम पर व्यभिचार का और अपरिग्रह के नाम पर परिग्रह का साम्राज्य छा चुका था।

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