पुरी शंकराचार्य Posted on December 9, 2022December 9, 2022 by प्रकाश कुमार यादव आचार्य शंकर के अनुसार वेदादि शास्त्र प्रतिभा तथा प्रगति के अपहारक या अवरोधक नहीं है अपितु एकमात्र अभिव्यञ्जक हैं। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 26, 2022 0 गुणों में क्षोभ के अनन्तर रजोगुण के नियामक ब्रह्मा / सत्त्वगुण के नियामक विष्णु और तमोगुण के नियामक शिवरूप से एक ही सर्वेश्वर व्यक्त होते […]
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 15, 2022 0 अभिव्यञ्जक के अधीन अभिव्यंग्य की अभिव्यक्ति होने पर भी अभिव्यञ्जक से अभिव्यंग्य की भिन्नता अवश्य ही सिद्ध है।
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 16, 2022 0 भगवत् भक्त भगवान् को भोग लगाने के लिये भोजन बनाते हैं और भगवान् को भोग लगाकर भोजन करते हैं।