
जिले के अधिकांश उपार्जन केन्द्रों में वफर लिमिट से अधिक धान का स्टाक
किशोर बाला
पखांजुर (गंगा प्रकाश)। जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर जिस गति से धान की खरीदी हो रही है, उसके मुकाबले उठाव की गति बहुत धीमी है। जिससे उपार्जन केन्द्रों में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है, जिले के अधिकांश केन्द्रों में वफर लिमिट से अधिक धान का स्टॉक रखा है। धान खरीदी केन्द्रों की अव्यवस्था किसानों पर भारी पड़ रही है। लैंप्स समितियों ने प्रशासन को पहले ही चेताया है कि उठाव में लेटलतीफी होने पर किसानों से धान की खरीदी बंद कर दी जायेगी। केन्द्रों में जाम धान के उठाव में यदि तेजी नहीं आयी तो लैम्पस कर्मचारी किसानों से धान की खरीदी बंद कर देंगे। जिसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ेगा। जिले में लैम्पस कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण विलंब से किसानों से धान की खरीदी आरंभ हुई है। वहीं धान खरीदी आरंभ होने के बाद बेमौसम बारिश के चलते बार-बार खरीदी में व्यवधान हो रहा है। अभी तक 18 लाख 27 हजार 970 क्विंटल धान की खरीदी जिले में हुई है। जिसमें से 7 लाख 55 हजार
प्रशासनिक दावे के विपरित परलकोट में धान परिवहन की व्यवस्था चिंताजनक है। ठेकेदार की मनमर्जी के चलते कांकेर जिले के पखांजूर तहसील अंतर्गत विभिन्न उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने के कारण केंद्रों में हजारों क्विंटल धान जमा हो गया है, जिसके चलते क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ केन्द्र प्रभारियों की भी समस्या बढ़ गई है। अगर जल्दी ही ठेकेदार के द्वारा परिवहन नही किया गया तो केंद्रों में खरीदी बंद करनी पड़ सकती है।
डीओ कटने के बाद भी उपार्जन केन्द्रों से नहीं हो रहा धान का उठाव
फाड़ प्रभारियों ने बताया कि फड़ में धान रखने की जगह नहीं है। 1 नवम्बर से धान खरीदी प्रारम्भ हुई। पूरा महीना गुजर जाने के बाद भी ठेकेदार के द्वारा अपनी मनमर्जी एवं उंची पहुंच के चलते परिवहन नहीं किया जा रहा है। केंद्र प्रभारियों ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा धान परिवहन का डीओ कटने के बाद वफर लिमिट के अंदर उठाव करने का नियम है। परंतु ठेकेदार की मनमानी के चलते परिवहन में देरी की जाती है जिसके चलते हमें धान की सूखती का घाटा उठाना पड़ता है।
प्रभारियों ने बताया कि आर. ओ कटने से धान का उठाव निजी मिलर द्वारा किया जा रहा है। जबकि ठेकेदार को द्वारा डीओ कटने के बाद भी परिवहन नहीं किया जा रहा ।
पखांजूर क्षेत्र के उपार्जन केन्द्रों में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है
• वफर लिमिट से अधिक धान खरीदी होने के कारण अब वहां पर धान रखने के लिए जगह नहीं है। बरदा, संघम, PV 121, छोटे बेटियां, गोंडाहुर, इरपानार, कोरेनर, नागलदंड,रेंगावाही,p v 84 p v 24, pv 23, pv 26 ,pv 32, pv 39, PV 12 ,pv 15 सेंटर, एसेबेडा, देवदा,pv 99 गौतमपुत, pv 105, pv11 , बड़गांव, मेंड्रा, इसमें से कई धान खरीदी केन्द्र में अभी तक एक भी गाड़ी नहीं लगी है उठाव की रफ्तार बहुत धीमा होने के कारण कर्मचारी परेशान हैं। किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। जगह कम होने के कारण एक दिन में जितना धान खरीदी होना चाहिए, वह नहीं होने से किसान परेशान हैं। वहीं पर समय पर धान उठाव नहीं होने से सहकारी कर्मचारियों के सामने सूखत की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।