
छुरा (गंगा प्रकाश)- शासकीय कचना धुरवा महाविद्यालय द्वारा सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का संचालन किया जा रहा है जिसके चौथे दिवस रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत क्षेत्रीय कवियों का काव्यपाठ कवि सम्मेलन का आयोजन किया। सर्वप्रथम आमंत्रित कवियों, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विनीत कुमार साहू , सरपंच प्रीतम ध्रुव, शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष जयराम जगत एवं पंचगणों द्वारा माँ सरस्वती व विवेकानंद के छायाचित्र पर पूजा अर्चना कर दीप प्रज्वलित किये पश्चात् कवियों का स्वागत शिविर में शामिल छात्रों द्वारा किया गया। काव्यमंच का संचालन करते हुए साहित्यकार कवि हीरालाल गुरुजी समय ने सर्वप्रथम सरस्वती वंदना के लिए दीनदयाल टंडन को आमंत्रित किया पश्चात् प्रो विनोद यादव ने हास्य व्यंग की कविता में फैसन में लिप्त समाज पर करारा प्रहार करते रचना प्रस्तुत किया। अगले क्रम में युवा कवि पुष्पराज साहू राज ने शायराना अंदाज में रचना की शुरुआत किया व युवाओं को देश की व्यवस्था बदलने में अहम किरदार बताया। देवेंद्र ध्रुव फुटहाकरम ने पिता और बेटी के भावनात्मक अनुभूति को कविता तोर पाँव मा काँटा झन गड़े के माध्यम से रखा साथ ही हास्य मुक्त के माध्यम से शमा बांधा। गीतकार दीनदयाल टंडन ने सामाजिक व्यवस्था पर प्रहार करते गीत जौन कंगला रहिस मालामाल होगे जी के साथ साथ पति पत्नी के बीच होने वाले नोक झोंक पर हास्य गीत सुनाकर तालियां बटोरी।गजलकार कवि डिगेश्वर बघेल ने एक वो दौर था एक ये दौर है सुनाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।पण्डरीपानी से आए ओज कवि देवनारायण यदु ने किसान के उपकार को धन हे गा मोर गांव के किसान पंक्ति के माध्यम से रेखांकित किया ।पश्चात् साहित्यकार ललित साहू जख्मी ने अपनी नई कविता क्या लिखूँ सुनाकर साहित्यिक परिचय दिया। संचालन कर रहे हीरालाल गुरुजी ने शिक्षा और संस्कार पर अपनी बात रखते पढ़ा इतना मुस्किल नहींं आज वेद शास्त्र पुराणों को पढ़ना, जितना मुस्किल है बच्चों में संस्कारों को गढ़ना कविता पढ़ी और वाहवाही बटोरी। शिविर संचालन में संलग्न कामेश यादव ने आध्यात्मिक कविता मै अपने आपको नहींं जाना और प्रकृति से संबंधित समापन कविता पाठ किया। आभार डॉ विनीत साहू ने व्यक्त किया।अंत में सभी कवियों को श्रीफल एवं पौधे भेंटकर विदाई दी।कार्यक्रम में 70 छात्र छात्राओं के साथ बड़ी संख्या में बच्चे महिला पुरुष ग्रामवासी उपस्थित रहे।
