पुरी शंकराचार्य Posted on December 19, 2022December 19, 2022 by प्रकाश कुमार यादव सत्ता का लक्षण अस्तित्व है। सत्ता ब्रह्म है ना कि कोई अन्य। ब्रह्म अतिरिक्त सत्ता नहीं है और माया वस्तुतः नहीं है। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 24, 2022 0 भोग्य वस्तुरूप द्रव्य , द्रव्योपभोग , तजन्य सुख और अविद्या – काम – कर्म जीव के बन्धन में हेतु हैं।
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव December 17, 2022 0 हिन्दू संस्कृति में मातृशक्ति की महिमा द्योतित है ; हिरण्यगर्भात्मक सूर्य , विष्णु , शिव और गणपति की अभिव्यक्ति में भी शक्ति का सन्निवेश अवश्य […]
संदेश पुरी शंकराचार्य प्रकाश कुमार यादव November 25, 2022 0 सुषुप्ति की समुपलब्धि के लिये बाह्याभ्यन्तर द्रव्य / भोग और सुख से उपरामता अनिवार्य है।