संवत् 2079 विक्रमी माघ शुक्ल षष्ठी 27 जनवरी 2023 ई. 

सन्त-महात्माओं की युक्ति से होता है सबका कल्याण- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 

बेमेतरा (गंगा प्रकाश)। ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु श्रीश्री शंकराचार्य जी स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ अपने प्रवास के द्वितीय दिवस शुक्रवार को बेमेतरा के कृष्णा विहार स्थित निवास पर प्रातः भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर की पूजा कर दीक्षार्थियों को दीक्षा पश्चात दर्शन। 

प्रातः 9 बजे कृष्णा विहार से सिंघोरी में कृष्णा कुमार साहू , गंजपारा में सुदर्शन नारायण, प्रमोद शास्त्री के निवासों पर पहुँच दर्शन व पदुकापुजन सम्पन्न हुआ ततपश्चात गोविंदेश्वर महादेव प्राणप्रतिष्ठा में पहुँच भक्तो को दर्शन पदुकापुजन व आशीर्वचन पश्चात कृश्णा विहार के लिए प्रस्थान किए। 

दोपहर 1 बजे शाम 4 बजे तक हुआ श्रीमद्भागवत कथा, कथा का प्रारम्भ छाबड़ा परिवार द्वारा पादुका पूजन से हुआ। 

शंकराचार्य ने व्यास पीठ से कहा लोग महात्माओं के पास जाते हैं और उनसे अपने संकट का निवारण पूछते हैं। महात्माओं के पास ज्ञान और अनुभव होता है जिससे वे युक्ति बता देते है। इसी युक्ति से सबका कल्याण होता है। 

उक्त उद्गार ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ‘1008’ ने छत्तीसगढ के बेमेतरा जिले में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अवसर पर व्यक्त किए। 

उन्होंने भागवत के माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि *रोचनार्था फलश्रुतिः* अर्थात् जब हम किसी वस्तु का माहात्म्य समझते हैं तभी उसके प्रति हमारा विशेष भाव या आकर्षण बनता है। श्रीमद्भागवत का माहात्म्य जब हम जाने रहेंगे तभी हमारा मन विशेष रूप से इस ओर जाएगा। जैसे कोई व्यक्ति हमें कोई वस्तु रखने को देते समय यह कह दे कि यह बहुमूल्य है तो हमारा उसके प्रति विशेष भाव बन जाता है।

विधायक ने श्रोताओं के बीच बैठ किया श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण 

कथा स्थल पर पहुँच आशीष छाबड़ा विधायक बेमेतरा ने अपने सादगी पूर्ण अंदाज में श्रोताओं के बीच जमीनपर बैठ श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया।

धर्म के इतिहास में होगा बेमेतरावासियों का नाम, पहली बार शंकराचार्य महाराज कर रहे भागवत कथा: आशीष छाबड़ा विधायक बेमेतरा

विधायक ने कहा  ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु श्रीश्री शंकराचार्य जी स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ के मुखारबिंद से पवित्र श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान-यज्ञ सप्ताह का प्रारंभ गुरुवार से हो चुका हैं। 

बता दें शंकराचार्य महाराज को सुनने के लिए बेमेतरा सहित छत्तीसगढ़ के कई स्थानों से भक्त हजारों की संख्या में पहुंचे हैं। आज श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का दूसरा दिन था, जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने भागवत कथा का श्रवण किया। इस भागवत कथा के आयोजक विधायक श्री आशीष छाबड़ा है, जिन्होंने जनता का संबोधन किया। 

उन्होंने कहा कि इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए सभी का साथ आवश्यक है। उन्होंने कहा श्रीमद्भागवत कथा का अपने में अलग ही महत्व है। इसका महत्व और अधिक तब बढ़ जाता है, जब शंकराचार्य महाराज स्वयं व्यास गद्दी पर बैठे हो। सौभाग्य की बात है कि स्वयं शंकराचार्य जी के रूप में भगवान का दर्शन हमें प्राप्त हो रहा है। मां भद्रकाली की इस पावन धरा में शंकराचार्य जी का आगमन हुआ है। हमें उनके दर्शन का पूरा लाभ उठाना चाहिए। 

गुरुवार को 11 हजार से भी अधिक की संख्या में माताओं और बहनों ने कलश यात्रा निकाली एवं भगवान शंकराचार्य का भव्य स्वागत किया। उनका हृदय से धन्यवाद करता हूँ। भागवत कथा कराने के पीछे अपना उद्देश्य बताते हुए कहा की ‘सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ यही मेरा उद्देश्य है। 7 दिनों तक स्वयं शंकराचार्य जी के श्रीमुख से भागवत कथा सुनाई जाएगी। इससे अधिक पुण्य पाने का समय और कहा मिलेगा। बेमेतरावासी धन्य हो गए हैं। 

वही एक खुशखबरी सुनाते हुए विधायक छाबड़ा ने बताया कि भक्त अधिक से अधिक शंकराचार्य महाराज का दर्शन लाभ पाना चाहते हैं। इसलिए भागवत कथा के समय को बढ़ाते हुए दोपहर 01 से 05 कर दिया गया है। महायज्ञ में आहुति डालने का सभी को एक अवसर मिला है और हम इस इतिहास के साक्षी बनेंगे। 

जब सवाल सामने आएगा पहली बार जगतगुरु शंकराचार्य 1008 स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा भागवत कथा पढ़ी तो बेमेतरा की इस पावन धरती का नाम लिया जाएगा इससे बढ़कर सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है।

आज के कथा में प्रमुख रूप से आशीष छाबड़ा विधायक बेमेतरा, ब्रह्मचारी ब्रम्हविद्यानन्द जी महाराज, प्रकाश उपाध्याय ज्योतिर्मठ विशेष कार्याधिकारी, धर्मालंकार पंडित पवन कुमार मिश्र, ब्रम्हचारी ज्योतिर्मयानंद, ब्रह्मचारी केशवानन्द, ब्रह्मचारी हृदयानंद, साध्वी पूर्णम्बा ,साध्वी शारदम्बा, ब्रह्मचारी परमात्मानन्द, पंडित आनंद उपाध्याय, पंडित देवदत्त दुबे, पंडित कृष्णा परासर, बटुक राम, शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी अशोक साहू सहित हज़ारो श्रोतागण उपस्थित रहे।

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