आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल 

संजय सिंह भदौरिया

सुकमा (गंगा प्रकाश)। अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने जमकर सुकमा जिला मुख्यालय  में कलेक्ट्रेट के पास लगभग 500 की संख्या में पहुंचकर धरना व रैली का प्रदर्शन कर रही हैं विदित हो कि अपनी मांगों को लेकर

जिलेभर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है।उन्होंने कहा कि मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगा। आंबा कार्यकर्ता- सहायिकाओं के हड़ताल से जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लग गया है।जिससे छोटे छोटे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है

मिली जानकारी के अनुसार सुकमा जिले में

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इसमें कलेक्टर दर से वेतन, सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति, पेंशन और शासकीय सेवकों की तरह सुविधाएं अहम है। संगठन पदाधिकारियों एवं तोंगपाल सेक्टर की अध्यक्ष सरोज चलम ने बताया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में उन्हें कलेक्टर दर से वेतन देने का दावा किया था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के चार साल बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। कार्यकर्ता- सहायिकाएं लगातार अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है। इसके चलते अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की गई है। जो मांग पूरी होने तक जारी रहेगी।

योजनाओं का क्रियान्वयन होगा प्रभावित

रविवार से जिलेभर की लगभग 500 कार्यकर्ता-सहायिकाएं कलेक्ट्रेट के पास धरना स्थल पर जुटी है। जो अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करती रही। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने  राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

 कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के हड़ताल से कई योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होगा। आंबा कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं को पूरा किया जाता है। कुपोषण के लिए बंटने वाले आहार, गर्भवती माताओं के आहार से लेकर केंद्रों में बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी इनकी ही रहती है आंगनबाड़ी केंद्रों में टीकाकरण, गर्भवतियों की जांच, पोषण आहार का वितरण जैसे प्रमुख कार्य संचालित होते हैं। लेकिन अब हड़ताल से यह सभी कार्य प्रभावित रहेंगे। प्रशासन के पास आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। इससे साफ है कि हड़ताल खत्म होने तक केंद्रों में ताले लटके रहेंगे।श्रीमति चलम ने बताया की कोरोना काल में जब लोग अपने घरों में बैठे रहते थे हम बिना मास्क व सेनेटाइजर के शासन का कार्य कर रहे थे शासन का हर कार्य हम करते है,हम ही दुर्गा का रूप हैं हम ही लक्ष्मी का रूप हैं हमारा शोषण करना बन्द करे भूपेश सरकार

गर्भवती व दुधमुँहे बच्चों के साथ बैठी है धरने पर

कार्यकर्ताओं के द्वारा आयोजित धरना रैली में कई कार्यकर्ता व सहायिका अपने दुधमुँहे बच्चों के साथ व गर्भवती बहने भूखे प्यासे धरना स्थल पर बैठे हैं और उन्होंने मांग की है कि उनकी बातों पर जल्द निराकरण किया जावे व कहा कि  ताकि निश्चिंत होकर हम अपने कार्य के प्रति जवाबदारी को निभा सके।

भाजपा नेत्री दीपिका शोरी ने किया समर्थन

भाजपा नेत्री अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के हड़ताल का समर्थन करते हुए सरकार के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार पर आपत्ति दर्ज करते हुए इनकी समस्त जायज मांगे हैं जिन्हें जल्द पूर्ण करने हेतु कहा

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