आराधना महोत्सव के रूप में मना करपात्रीजी का निर्वाण दिवस

रायपुर (गंगा प्रकाश) – आज धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के 41 वाॅं निर्वाण आराधना महोत्सव के पुण्य अवसर छत्तीसगढ़ के साथ साथ पूरे देश भर में विभिन्न आराधना कार्यक्रम एवं सेवा प्रकल्प आयोजित हुआ। भाटापारा, छ्त्तीसगढ़ में भी इस अवसर पर  नारायणी धवल धाम प्राण प्रतिष्ठा एवं शतचंडी महायज्ञ के विशाल प्रांगण में विशेष रुद्राभिषेक के साथ पूजन आराधना सत्संग संगोष्ठी भजन का मंगलमय कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ। उपरोक्त अवसर पर आचार्य झम्मन शास्त्री जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये स्वामी करपात्री जी के जीवन दर्शन पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुये बताया कि ऐसे महान विभूति भारतवर्ष में धर्म एवं राष्ट्र रक्षा के लिए समय — समय पर देव लोक से प्रकट होते हैं । सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं वैदिक मर्यादाओं की स्थापना, सनातन मान बिंदुओं की रक्षा के लिए धर्म सम्राट जी का योगदान इतिहास में सदैव अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने कम समय तथा अल्प भौतिक साधन होने पर भी अपने वैदुष्य तथा तपोबल के द्वारा देश को स्वतंत्रता दिलाने में वेदोक्त रीति से शास्त्रीय परंपरा अनुकूल यज्ञ का संपादन कर दैवीय शक्तियों के माध्यम से सफलता दिलाने में बहुमूल्य योगदान प्रदान किया। गौ रक्षा के लिए उनका जीवन संपूर्ण रूप से समर्पित रहा , शासन तंत्र से कठिन यातना प्राप्त हुई , कई बार जेल गये। उन्होंने गौ रक्षा महाभियान का नेतृत्व करते हुए  दस लाख गौ भक्तों के साथ संसद का घेराव भी करवाया , कई गौ भक्त शहीद भी हुए, किंतु दृढ़तापूर्वक सनातन धर्मावलंबियों का मनोबल, उत्साह को बढ़ाते हुये जीवन पर्यंत गौ रक्षा के लिये उन्होंने अपने समर्पित भाव से त्याग पूर्वक कार्य किया ।आज भी उनका आदर्श जीवन अनुकरणीय है। स्वामी करपात्रीजी  के चरणों में सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि संपूर्ण गोवंश की हत्या देश में शीघ्र बंद हो , जिससे हिंदुओं को न्याय मिले तथा भारत शीघ्र हिंदुराष्ट्र के रूप में उद्भाषित हो। उनके बताये पदचिन्हों में चलते हुये गोवर्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु  शंकराचार्य महाभाग देश की अखंडता एवं श्रीराम राज्य के स्वरूप को स्थापित करने हेतु ही हिंदु राष्ट्र की स्थापना के लिए दिन – रात पूरे देश के विभिन्न प्रांतों में राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के अंतर्गत प्रवास करते हुये समग्र हिंदू समाज को जागृत करने हेतु विशेष मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।आचार्य शास्त्री ने अपील किया कि सभी भक्तजन सामूहिक तथा व्यक्तिगत रूप से हनुमान चालीसा का पाठ एवं साप्ताहिक संगोष्ठी के माध्यम से जन जागरण अभियान में सम्मिलित होकर अपने जीवन को धन्य बनायें। इस अवसर पर यज्ञ आयोजक परिवार , गोपाल गोयल , संदीप गोयल सपरिवार , पीठ परिषद , आदित्य वाहिनी , आनंद वाहिनी के पदाधिकारी प्रतिनिधि एवं सदस्य तथा सनातन धर्मप्रेमी भक्तों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर आराधना पर्व में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के श्रीसुदर्शन संस्थानम, कवर्धा आदि के साथ साथ श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी ओडिशा, श्रीमनसादेवी प्रांगण बिहार, शिवगंगा आश्रम, प्रयागराज, श्रीहरिहर आश्रम वृंदावन, पंजाब आदि स्थानों पर पुरी शंकराचार्यजी द्वारा संस्थापित संगठन के द्वारा आराधना महोत्सव पर कार्यक्रम आयोजित कर स्वामी करपात्रीजी को  पुण्य स्मरण के साथ अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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