भुंजिया जनजातियों के अध्ययन के लिये दोस्त और प्योर की टीम द्वारा ग्राम सोरिद में किये स्वाथ्य परीक्षण

गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ राज्य में शासन द्वारा जनजाति सात पिछड़ी जनजाति कमार, भुंजिया, बैगा, पंडो पहाड़ी कोरबा, अबुझमारिया और बिरहोर जनजाति को संरक्षित करने हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद भी इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने के बजाय कमी आ रही है। इसके मददेनजर इस जनजाति के लोगो के रहन सहन, दिनचर्या और आधुनिक बदलाव को लेकर दोस्त (डाक्टर ऑन स्ट्रीट) और प्योर (प्रोग्रेसिव यूटिलाईजेशन ऑफ रिसर्च एंड ईकानामिक्स) की टीम के द्वारा इन जनजातियों के अध्ययन के लिये ग्राम सोरिद के भुंजिया पारा का भ्रमण किया गया। यहां जागरूकता शिविर लगाकर लोगो से संपर्क करते हुए उनका स्वाथ्य परीक्षण कर दवाई भी वितरण की गई। टीम के डॉक्टर सत्यजीत साहू और सुनील शर्मा ने बताया कि इन जनजाति के लोगो मे पौष्टिक खानपान कमी के चलते पोषक तत्व की कमी से शरीर मे दुष्प्रभाव ज्यादा देखने को मिला, साथ ही एनीमिया और फंगस इंफेक्स ज्यादातर लोगों में पाया गया इन्ही सब कारणों के चलते उन जनजाति के लोगो की उम्र में भी कमी देखा गया।

    टीम के कोआर्डिनेटर सुनील शर्मा ने बताया कि देश भर के सात सौ पाँच ट्राईबल जनजातियों में पच्चहतर जनजातियों को विशेष संरक्षित का दर्जा दिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश स्तर पर भुंजिया जनजाति को विशेष दर्जा दिया है। इनकी संख्या गरियाबंद और महासमुंद ज़िले में ज़्यादा है। जंगल की भीतरी हिस्सों में निवास करने करने वाली भुंजिया जनजाति की बसावट अब जंगल से लगे गाँव में भी पाई जाती है। टीम के रिसर्चर संतोष ठाकुर ने बताया कि अन्य जातियों कि तुलना मे भुंजिया लोगों में शिक्षा का प्रसार कम है। बच्चों और महिलाओं में कुपोषण ज़्यादा है और शराब का प्रचलन भी बहुतायत में है, वही कई पैरामीटर पर अध्ययन जारी है। मेडिकल टीम के हेड डॉ सत्यजीत साहू ने सिस्टर अनुपमा एक्का और सिस्टर भुमी के साथ भुंजीया पारा के बहुत से ज़रूरतमंद परिवारों के घर जाकर उनकी चिकित्सा परिक्षण किया और ज़्यादा गंभीर मरीज़ों को नज़दीक के जिला हास्पिटल में जाने की सलाह दी। भुंजिया लोगों को स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं के बारे में बताया। इस अवसर पर ग्राम सोरिद के पोखन सिन्हा, दीपक सिन्हा, स्वास्थ्य विभाग की सुपरवाइज़र ललिता देशमुख ने स्टडी टीम को सक्रिय सहयोग दिया। भुंजिया पारा के प्रमुख आशाराम भुंजिया ने टीम के विजिट के लिये आभार व्यक्त किया। शिविर मं प्रमुख रूप से डॉ. सत्यजीत साहू के साथ सुनील शर्मा (हेल्थ कोऑर्डिनेटर), संतोष ठाकुर (लॉजिस्टिक सपोर्ट), सिस्टर भूमि सुता साहू, सिस्टर ममता निषाद ने नर्सिंग सेवा के रूप में अपना सहयोग दिया।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *