देवभोग जनपद में 3 साल के कार्यकाल में हुआ डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का बंदरबांट

जनपद उपाध्यक्ष के शिकायत की 7 बिंदुओं पर लगी जांच दल की मुहर,कलेक्टर को सौपे गए 16 पन्ने की रिपोर्ट में हुआ गड़बड़ी का खुलासा।

जांच दल ने निलंबन,वसुली व धारा 40 के तहत कार्यवाही की अनुशंसा किया। कलेक्टर बोले जल्द होगी कार्यवाही।

गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। बहु चर्चित देवभोग जनपद शिकायत मामले का अब पटाक्षेप हो गया है। 16 जनवरी को जनपद उपाध्यक्ष सुखचन्द बेसरा ने 7 बिंदुओं में आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाकर मामले की शिकायत कलेक्टर प्रभात मलिक को किया था,मलिक ने दो दिन के भीतर जिला पंचायत के 5 सदस्ययी कमेटी का गठन का जांच के निर्देश दिए थे।पँचायत के सहायक संचालक पद्मनी हरदेल व 4 अन्य अफ़सरो की टीम ने जनपद का रिकार्ड जप्त कर  बारीकी से जांच किया।स्लिंप्त अफसर बाबू व जनपद अध्यक्ष समेत 20 से ज्यादा सरपँच सचिव के बयान व रिकार्ड की जांच के बाद जिस नतीजे तक पहूचे वह बेहद चौकाने वाले थे। दल ने सोमवार को कलेक्क्तर के समक्ष 16 पन्ने का रिपोर्ट सौपा है,जिसमे पँचायत के विभिन्न मदो से डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा ऐसे खर्च का होना पाया जो नियम विपरीत व नियम विरुद्ध था,साथ ही जनपद अध्यक्ष के द्वारा पद के प्रभाव से पति के फर्म को सेनेटाइजर, सोलर लाइट की लाखों रुपये की बिक्री पंचायतो में कराना पाया गया है।दल ने अपनी रिपोर्ट में सीईओ,लिपिक,इंजीनियर पर वसूली व निलंबन की कार्यवाही कि अनुशंसा किया है,जबकि जनपद अध्यक्ष के खिलाफ धारा 40 के तहत कार्यवाही किये जा सकने का जिक्र किया है। मामले कलेक्टर प्रभात मलिक ने कहा कि जांच रिपोर्ट प्राप्त हुआ है,अवलोकन के पश्चात जल्द ही वैधानिक कार्यवाही कि जाएगी।

खर्च देख कर जांच दल हैरान,बनिये की दुकान के माफिक फूंके गए रुपये

जांच रिपोर्ट के मुताबिक जनपद विकास निधि व स्टाम्प शुल्क के रुपये खर्च के लिए रिपा में महिला सम्मेलन, 2अक्टूबर को सभा व मातृका  सम्मेलन का जिक्र कर लगभग 6 लाख खर्च किया गया,जबकि ये सम्मेलन हुए ही नही। सीईओ आवास के लिए 2 लाख का फर्नीचर,10 लाख का डीजल,कोरोना काल मे 8 लाख का सेनेटाइजर,28 लाख की अन्य व्यय जैसे लगभग 50 लाख का ऐसे खर्च पाया गया जो वास्तविक में हुए नही, नियम ताक में रखकर पैसे पानी की तरह फुके गए,अफसर के नाम पर 30 लाख से ज्यादा अग्रिम उठाव दिखाया गया,महंगे लेपटॉप खरीदी का भी जिक्र सरकारी ब्यय में हुआ।इन खर्चों को देख कर जांच दल भी हैरान था, दल के एक अफसर ने यह तक कह दिया कि यंहा खर्च के तरीके ने इस सरकारी संस्थान को बनिया का दुकान बना दिया है।

व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स के निर्माण से लेकर आबंटन में पाई गड़बड़ी

जनपद निधि से साल भर पहले लाखो रुपये खर्च कर बनाये गए व्यवसायिक कॉम्लेक्स के निर्माण से लेकर आबंटन में भारी गड़बड़ी पाया गया,रिपोर्ट के मूताबिक निर्माण के फाइल में फोटो गायब है,सत्यापन करने वाले का दस्तखत तक नही,यंहा तक एजेंसी किसे बनाया गया है उसका जिक्र भी नही और रुपये जारी किए गए,पुराने बाउंड्री वाल के दीवारों का उपयोग कॉम्प्लेक्स में हुआ पर,उसका भी मूल्यांकन किया गया।आबंटन में अफसर के बेटी व जनपद के महिला बाबू को नियम विरुद्ध देना पाया गया,इतना ही नही जनपद समिति द्वारा धौंस देकर  हितग्राहियों से लिये गए लाखो पगड़ी राशि को भी नियम विरूद्ध बताया गया।नियमत निर्माण के बाद पँचायत को संचालन करना था पर जनपद बॉडी के हठ धर्मिता से यह संचालन हो रहा है।तय किये गए मनमानी किराया नही पटा पाने से कई हितग्राही कॉम्लेक्स छोड़ चुके है।जांच दल ने आबंटन रद्द कर पगड़ी की रकम वापसी की अनुशंसा किया है।

धारा 40 का भी जिक्र

उपाध्यक्ष सुखचन्द बेसरा ने शिकायत बिंदु क्रमांक 6 व 7 में जनपद अध्यक्ष नेहासिंघल पर पद का दुरुपयोग कर पति के फर्म को लाभ पहूचाने का आरोप लगया था,जिसकी जांच में दल ने पाया कि पति के फर्म से कई पंचायतो में सोलर लाईट, सेनेटाइजर की बिक्री की गई है।यंहा तक जनपद निधि से कराए गए कई कार्यो में भी पति का फर्म को भुगतान किया गया है।जिसका जिक्र करते हुए जांच दल ने अध्यक्ष पर धारा 40 के तहत कार्यवाही करने की अनुशंसा किया है।

24 को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान

जनपद अध्यक्ष के नेतृत्व में 18 में से कूल 14 सदस्यों ने उपाध्यक्ष बेसरा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है,जिस पर मतदान 24 फरवरी को होना है।जिसके चलते जनपद राजनीति में भारी गहमा गहमी चल रहा है।दोनों गुट अपने अपने कार्य मे सफलता पाने अपने अपने समर्थक सदस्यों के साथ पुरी टाइम बिताते नजर आ रहे हैं।

20 जनवरी 2023 के प्रकाशित खबर कटिंग….
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