
छुरा(गंगा प्रकाश):-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौजूदा कार्यकाल का आखरी बजट सोमवार को पेश किया इस इस बजट को कांग्रेस जनों ने जन हितेषी लोक कल्याणकारी और भूपेश है तो भरोसा है वाला बजट बताया

जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद उपाध्यक्ष अब्दुल समद खान रिजवी ने कहा कि बजट में युवा किसान गरीब महिलाओं तथा सभी वर्गों के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि इस बजट में मुख्यमंत्री ने सुदृढ़ और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नींव रखी है कोटवार ग्राम पटेल के मानदेय में वृद्धि व गोटान समिति के अध्यक्ष को 750 रुपए मानदेय प्रदेश में 4 मेडिकल कॉलेज 101 नए आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने की घोषणा की है

वही वरिष्ठ कांग्रेसी और नगर पंचायत के पार्षद अशोक दीक्षित (मख्खू महाराज) ने कहा कि यह बजट अर्थव्यवस्था की मजबूती बेहतरीन वित्तीय अनुशासन और और कुशल प्रबंधन का बेहतरीन नमूना है इस बजट में गरियाबंद जिले को करोड़ों की सौगात मिली है वही शासकीय कालेज के

जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष और नगर पंचायत के एल्डरमैन सलीम मेमन ने कहा कि राज्य सरकार का यह बजट छत्तीसगढ़ के विकास और तरक्की के लिए मील का पत्थर साबित होगी निराश्रित बुजुर्गों विधवा का सामाजिक सुरक्षा पेंशन को साडे 300 से बढ़ाकर 500 कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में भी वृद्धि की गई इस बजट में गरियाबंद जिला को भी करोड़ों की सौगात मिली है छुरा में राजस्व विभाग कार्यालय हेतु पदों की स्वीकृति दी गई है। सलीम मेमन ने कहा कि इस बजट में न कोई कर है ना कोई कर्ज है

वही जनपद पंचायत छुरा के पूर्व अध्यक्ष धनेश्वरी मरकाम ने कहा कि इस बजट में महिलाओं का विशेष ध्यान रखा गया है शिक्षित बेरोजगारों को 25 सो रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा और यह बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
भूपेश सरकार का अंतिम बजट निकला धोखे का बजट : खोमन चंद्राकर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को विधानसभा में अपने शासनकाल का अंतिम बजट पेश किया। इस पर भाजपा के युवा नेता और छुरा नगर पंचायत के अध्यक्ष खोमन चंद्राकर ने प्रतिक्रिया देते हुए इस बजट को धोखे का बजट बताया उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ चुनावी लॉलीपॉप पर आधारित है।
जिसमें श्री चंद्राकर ने किसानों को 2 साल का बकाया बोनस, पूर्ण शराबबंदी, किसान पेंशन, 10 लाख बेरोजगारों को 2500रुपए भत्ता पर प्रश्न उठाया हैं।इसके उपरांत बजट पेश होते ही उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र में किए गए वादों को लेकर सीएम भूपेश बघेल पर प्रहार किया और कहा कि आज अपना काल्पनिक बजट पेश करने से पहले यदि सीएम भूपेश बघेल घोषणापत्र के 36 बिंदु भी पढ़ लेते तो बजट पढ़ने की हिम्मत न कर पाते।साथ हीं श्री चंद्राकर किसानों के 2 साल के बकाया बोनस, शराबबंदी, 200 फ़ूड पार्क की स्थापना का वादा, कर्मचारियों के नियमितीकरण, पत्रकार सुरक्षा कानून समेत अनेकों मुद्दों के साथ प्रदेश सरकार के बजट पर निशाना साधा।गौरतलब हो कि यह मुद्दे कांग्रेस के घोषणा पत्र के प्रमुख मुद्दे है और भूपेश सरकार इन्हें पुरे करने में अब तक असफल रही है।इस कार्यकाल के अंतिम बजट में जनता को इन वादों के पुरे होने की उम्मीदें थी लेकिन भूपेश सरकार के बजट में इन्हें स्थान नहीं मिला जिससे आमजनों में सरकार को लेकर नाराजगी भी है।इसी बात को लेकर श्री चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेसी कुशासन के अंतिम बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश को निराश किया है, इस बजट से छत्तीसगढ़ को बहुत उम्मीदें थी लेकिन आज जन-उत्थान और विकास की रूपरेखा निर्धारित करने में यह सरकार विफल साबित हुई है।
इसके अलावा श्री चंद्राकर ने चुनावी साल में बेरोजगारी भत्ते की घोषणा पर कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चुनावी साल में सिर्फ 250 करोड़ रुपये से 10 लाख युवाओं को यह सरकार कौन से “एक महीने” का बेरोजगारी भत्ता देना चाहती है क्योंकि प्रदेश में 19 लाख पंजीकृत युवा है और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 10 लाख युवाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की बात रखी थी। जिसके लिए प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रूपये खर्च होने हैं और आज के बजट में 2 वर्षों के लिए केवल 250 करोड़ रुपये ही निर्धारित किये गये हैं, जिससे केवल 1 माह तक ही बेरोजगारी भत्ता दिया जा सकता है।श्री चंद्राकर ने कहा कि इस सरकार ने बेरोजगार युवाओं को 4 साल तो ठगा ही था जाते-जाते भी उनके साथ इतना बड़ा धोखा हुआ है।
छत्तीसगढ़ की सरकार पर 82 हजार करोड़ का कर्ज, हर महीने 460 करोड़ ब्याज भुगतान,कर रही है सरकार
श्री चंद्राकर ने आगे कहा कि छत्त्तीसगढ़ सरकार पर 82125 करोड़ रुपये का कर्ज है। इस कर्ज का सरकार हर महीने 460 करोड़ रुपये ब्याज चुका रही है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, शिवरतन शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में सरकार के कर्ज की जानकारी के लिए सवाल लगाया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट सत्र के दूसरे दिन राज्य गठन से लेकर अब तक लिए गए कर्ज के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी।
मुख्यमंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने राज्य के समग्र विकास के लिए अलग-अलग संस्थाओं से कर्ज लिया है। वर्ष 2022-23 के बजट में ब्याज के भुगतान के लिए 7222 करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया था। जनवरी 2023 तक 4233 करोड़ रुपये का ब्याज के तौर पर भुगतान किया गया है। 2989 करोड़ रुपये का ब्याज का भुगतान करना बाकी है। राज्य गठन के समय एक नवंबर 2000 को 4686 करोड़ रुपये का कर्ज था।
वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित एवं 2023-24 का बजट अनुमान
-मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित एवं 2023-24 का बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत किया।
-वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्ति के बजट अनुमान 01 लाख 04 हजार करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 01 लाख 12 हजार 708 करोड़ है। इस प्रकार बजट अनुमान की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान में 08 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
– पुनरीक्षित प्राप्तियों में वृद्धि को देखते हुए कुल व्यय का बजट अनुमान 01 लाख 04 हजार करोड़ से बढ़ा करके पुनरीक्षित अनुमान 01 लाख 12 हजार 708 करोड़ प्रस्तावित है।
-वर्ष 2023-24 में 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ की कुल प्राप्ति का बजट अनुमान है, जो गत वर्ष की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 17 प्रतिशत अधिक है। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 56 हजार 200 करोड़, केन्द्र से प्राप्तिया 49 हजार 800 करोड एवं पूंजीगत प्राप्तियां 15 हजार 500 करोड़ अनुमानित है।
– वर्ष 2023-24 के लिए विनियोग का आकार 01 लाख 32 हजार 370 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 01 लाख 02 हजार 501 करोड़ एवं पूजीगत व्यय 18 हजार 660 करोड़ है। वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 15.36 प्रतिशत है।
– प्रदेश में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिए कुल बजट की 45 प्रतिशत राशि का प्रावधान।
– वर्ष 2023-24 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिये 41 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 36 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 23 प्रतिशत का प्रावधान।
राजकोषीय स्थिति
-राज्य के स्वयं की राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का परिणाम सकारात्मक रहा है। इस वर्ष राज्य के स्वयं के राजस्व में 26 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
-पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य के विकास कार्यों हेतु वर्ष 2012-13 से निरंतर बाजार ऋण लिया जा रहा था। विगत 03 वर्षों में कुशल वित्तीय प्रबंधन अपनाते हुए वर्ष 2022-23 में सरकार ने अब तक बाजार ऋण नहीं लिया है।
-वर्ष 2021-22 के वित्त लेखे के अनुसार 04 हजार 642 करोड़ का राजस्व आधिक्य रहा है। चालू वर्ष में माह जनवरी 2023 के लेखा अनुसार भी 04 हजार 471 करोड़ के राजस्व आधिक्य की स्थिति बनी हुई है।
-वर्ष 2021-22 के वित्त लेखे के अनुसार वित्तीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.17 प्रतिशत रहा है। चालू वर्ष में माह जनवरी 2023 की स्थिति में राज्य सरकार का शुद्ध ऋण (-)788 करोड़ है।
-राज्य का वास्तविक ऋण भार जनवरी 2023 की स्थिति में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में 17.90 प्रतिशत है। इसी अवधि में भारत सरकार का ऋण भार सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में 48 प्रतिशत है।
-राज्य का सकल वित्तीय घाटा 15 हजार 200 करोड अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.99 प्रतिशत है। इस प्रकार एफ.आर.बी.एम. एक्ट में निर्धारित 03 प्रतिशत की सीमा में है।
– राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 01 लाख 06 हजार करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 01 लाख 02 हजार 500 करोड़ अनुमानित है। अत वर्ष 2023-24 में कुल 03 हजार 500 करोड़ का राजस्व आधिक्य (Revenue Surplus) अनुमानित है।
कर प्रस्ताव
-वर्ष 2023-24 के लिये कोई कर प्रस्ताव नहीं है।