खनिज नीधि घोटाले पर पीसीसी चीफ ने विधानसभा में अपने ही सरकार को घेरा


– पूर्व मंत्री उसेंडी बोली घोटाले पर बघेल व मरकाम दे इस्तीफा:- लता उसेंडी

 चिराग उपाध्याय 

कोंडागांव (गंगा प्रकाश)।कोंडागांव विधायक एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा डीएमएफ की राशि मेें  करोड़ों के बंदरबांट का मुद्दा विधानसभा में उठाते ही पूर्व मंत्री   लता उसेंडी ने  प्रदेश में लगातार बढते भ्रष्टाचार के चलते  विधायक मोहन मरकाम व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस्तीफे की मांग की है।

विधायक मरकाम ने  विधानसभा में कोंडागाव जिले के अंदर  डीएमएफ में  लगभग 7 करोड की राशि के बंदरबांट होने का मुद्दा उठाते विधानसभा स्तरीय समिति से जांच की मांग की है।जिसके बाद भाजपा नेत्री पूर्व मंत्री सुश्री लता उसेंडी प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते बोली प्रदेश में जब से सरकार बैठी और भ्रष्टाचार शुरू हुआ,प्रदेश सरकार द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा, अगर पार्टी  प्रमुख द्वारा यह कहा जा रहा है उनके मुख्यमंत्रियों ,मंत्रियों द्वारा राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ाया जा रहा है, तो ऐसी सरकार को बने रहने का अधिकार ही नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम में जरा भी नैतिकता बची हो तो उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए,

आखिरकार विधायक मरकाम द्वारा डीएमएफ की राशि में बंदरबांट का आरोप लगाने के बाद अब जिला निर्माण समिति द्वारा जिले के अंदर कराए गए कार्यों पर ही सवाल उठने लगा है। जिला खनिज न्यास निधि की राशि से जिला निर्माण समिति द्वारा जिले के सभी ब्लॉकों में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों  का निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों को अंजाम दिया गया है,

वहीं बीते कुछ महीनों से प्रशासन और विधायक मरकाम के बीच अनबन की नगर में चर्चा जोरों पर है। बीते दिनों कोंडागांव नगर के अंदर निर्मित स्विमिंग पुल का प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष व विधायक कोंडागांव मोहन मरकाम  निर्धारित समय पर लोकार्पण  करने पहुंचे पर विधायक मरकाम को अधिकारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा ,लोकार्पण के दौरान  नगर पालिका अधिकारी सहित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही नदारद रहे, जिसके बाद सूत्रों से जानकारी आ रही विधायक मरकाम  लापरवाह प्रशासनिक अमले से नाराज चल रहे, वहीं विधायक मरकाम की  कोप भाजन से बचने जिला प्रशासन भी सख्ती के मूड में है, प्रशासनिक सख्ती की भनक लगते ही निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार अपने आप को बचाने की जुगाड़ में जुटे हैं। इसी बीच बात यह भी सामने आ रही करोड़ों के निर्माण कार्यों को अंजाम देने वाले नगर के  कुछ ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों से संबंधित तमाम दस्तावेजों को जिला प्रशासन द्वारा  जांच के दायरे में लिया जा रहा है।

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