आशीष छाबड़ा (विधायक बेमेतरा) कर कमलो द्वारा मणिशंकर दिवाकर की संपादकीय की रा.सा. दो काव्य संग्रह 1.एक मुस्कान एवं 2. मैं बेजुबान हूँ का भव्य विमोचन किया जायेगा


विनय सिंह 

बेमेतरा (गंगा प्रकाश)। बेमेतरा क्षेत्र के चर्चित हंसमुख एवं आत्मीय भाव व प्रतिभा के धनी मा.  आशीष छाबड़ा मुख्य अतिथि व अध्यक्षता श्रीमती शकुन्तला साहू (अध्यक्ष नगर पालिका परिषद बेमेतरा), विशिष्ट अतिथि-  महेंद्र सिंह विरदी (संरक्षक जिला ईकाई रा. कवि संगम, बेमेतरा) , 

 कमलजीत अरोरा (संचालक, एलन्स पब्लिक स्कूल, बेमेतरा),

 विवेक सुहास पोल (संरक्षक जिला ईकाई रा. कवि संगम, बेमेतरा) ,  पंकज राठी (समाज सेवी, साजा) व अतिथियों व जन प्रतिनियों श्रोताओं की गरिमामयी उपस्थिती में दोनों साझा संकलन किताब का भव्य विमोचन किया जायेगा वही साहित्यकाऱों में से एक विशेष पहचान बनाने वाले अधिवक्ता  मणिशंकर दिवाकर गदगद हास्य कवि द्वारा अपनी सतत् मेहनत और लगन के साथ न्यायालय से थोड़ा बहुत समय निकाल कर अपने लेखन में जुटकर अद्वितीय कार्य कर रहें है एक मुस्कान के सह- संपादक आदरणीय शिक्षक कवि  डिजेंद्र 

” कोहिनूर ” बसना व  रमेश कुमार रसिय्यार (गीतकार) नवागढ़़  व संयोजकर्ता  उमाशंकर दिवाकर के द्वारा बहुत ही सुंदर सराहनीय कार्य कर रहे हैं और लगातार एक से बढ़कर एक अलग – अलग विषयों पर व दो किताबों कि 

1/.एक मुस्कान एवं 

2/. मैं बेजुबान हूँ 

राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह है जो बेहद ही अनोखा और सुंदर बुक प्रकाशन करवाया गया है | प्रथम बुक “एक मुस्कान ” में कुल 60 साहित्यकारों ने अपनी कविता गीत रचना देकर एक विशेष पहचान बनाये हैं जिसमें 9 कवयित्रियों ने व 51 कवि साहित्यकारों ने अपनी अनुपम कविता रचना प्रेषित किये किये जो आज अपने दैनिक जीवन में हम सभी मानव जीवन को बिल्कुल ही एक नई दिशा प्रदान करने वाली है , जो आज तो हम सभी मानव जीवन अपने दौड़ती भागती जिंदगी में मारा मारी के दैनिक जीवन में मानों लोगों के चेहरे की हंसी मुस्कान गायब सी गयी है, इसी मूल उद्देश्य को लेकर मुस्कान पर सभी साहित्यकारों ने रचना भेजकर अतुलनीय सहयोग प्रदान किये है जो सफलतम कार्यों में से एक है वही दूसरी किताब 

मैं बेजुबान हूँ संकलनकर्ता अधिवक्ता मणिशंकर दिवाकर गदगद (छ.ग.) व  निखिल जैन (महाराष्ट्र) के सहयोग से अंतराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी एवं अंग्रेजी में  23 साहित्यकारों में से 4 कवयित्रीयों ने 17 साहित्यकारों के साथ अपनी  – अपनी कलम की पहचान  बनाते हुये अपनी काव्य रचना लेकर साथ -साथ अपना कदम मिलाकर साथ चलने का सराहनीय एवं प्रंशसन्नीय कार्य किये हैं | जिसमें हमारे आज जितने भी बेजुबान जीव जंतु एवं जानवरों के दैनिक दिनचर्या व उनकी स्थितियों व हालातों को प्रकट किया गया है जो अति सुंदर है और माना जाये तो विशेष रूप से सभी साहित्यकारों प्रदेश स्तरीय ने अपनी सहभागिता निभाकर बहुत ही सुंदर कार्य किया जा रहा है/- यह सफलत आयोजक का शत प्रतिशत श्रेय राष्ट्रीय कवि संगम, जिला ईकाई बेमेतरा छत्तीसगढ़ द्वारा किया जा रहा है उक्त जानकारी  जुगेश  बंजारे ” धीरज ” साहित्य कार द्वारा दिया गया।

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