

प्रकाश कुमार यादव (प्रधान संपादक)
चैत्र नव वर्ष एवं नवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनायें,
जय माता दी ,जय माता दी।
माता का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।
सबके हिस्से की कड़वाहट,
निराशाए लेजा, बीता वर्ष ।।
बच्चों की मुस्कान, खिलखिलाहट, आल्हाद दे जा नया वर्ष ।।
पुराने नफे-नुकसान की कर ले
गणना,
और लेजा गर्भ में इतिहास के।
भविष्य का चमचमाता सूर्य हमारी संभावनाओं के लिए दे जा नया वर्ष।।
हिस्से का तमाम तमस
ले जा छुपा दे दरिया में ।
नई रोशनी का नव समंदर
पिरो दे नयी क्रांति में नया वर्ष।।
माना जिंदगी हर एक दिन की पुनरावृत्ति ही है ।
हर रोज एक नई सुबह
एक नई शाम दे जा नया वर्ष ।।
ले जा तमाम व्याधियों को
घटना, दुर्घटनाओं को ।।
और देजा नन्हों की मासूमियत, प्रकृती के नये रूप को
नया रंग दे जा नया वर्ष।। ।।
शब्द वही सृंगार वही
बात वहि अल्फाज वहीँ।।
इस बार नया रूप,नई सज्जा,
नया रंग कविताओं को दे जा नया वर्ष।।
कैसे भूले बिता पल सुखद होता है कड़वा हो या मीठा।
ऐतिहासिक बना देना आने वाले कल को नया वर्ष।।
आपको आपके पूरे परिवार को नववर्ष की अनंत शुभकामनाएंl
जय माता दी जय भवानी मां जय दुर्गा मां।