चोटग्रस्त निराश्रित श्वान को फिर मिला निधि का सहारा

अरविन्द तिवारी 

जांजगीर चांपा (गंगा प्रकाश) – जिले के विकासखंड बलौदा में दो दिन से सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त डाग की आज बिलासपुर निवासी सुश्री निधि तिवारी ने सुध लेकर उपचार हेतु जीवाश्रय पहुंची। गौरतलब है कि गत दिवस बलौदा के काजल सेन ने फोन के माध्यम से जानकारी दी कि एक दुर्घटनाग्रस्त डाग जनपद पंचायत के सामने पड़ी है। उसके मुंह से खून बह रहा है और  चल भी नहीं नहीं पा रही है। इसकी सूचना मिलते ही निधि अपनी टीम के साथ बलौदा पहुंची और श्वान का रेस्क्यू कर उसे दर्द और ताकत का इंजेक्शन लगाकर अतिरिक्त उपचार के लिये बिलासपुर पहुंची। यहां पशु चिकित्सालय में श्वान का  एक्सरा कराने से जबड़ा टूटना पाया गया। जीवाश्रय प्रमुख निधि ने बताया कि अब डॉक्टर पीयूष दुबे द्वारा श्वान का ऑपरेशन किया जायेगा। जीवाश्रय में कुछ दिनों के सेवा के बाद वह फिर से अपनी ज़िंदगी नये सिरे से जीना शुरू कर देगा। श्वान के सफल रेस्क्यू करने और उपचार कराने में निधि तिवारी के अलावा अनुराग अग्रवाल , अभिषेक सोनी , सूरज यादव और संग्राम ध्रुव का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। वहीं रेस्क्यू के पहले दिन बलौदा थाना टीम के अलावा नरेंद्र मित्तल , काजल सेन , गौतम सेन , वासुदेव सेन का भी   श्वान को नाली से निकालने और दूध बिस्किट खिलाने में अमूल्य सहयोग रहा। बताते चलें कि शनि , राहु और केतु इन तीनों ग्रह की नकारात्मक दृष्टि से सभी बचना चाहते हैं। इन तीनों ग्रहों की अशुभ दृष्टि पड़ जाये तो इंसान अमीर से गरीब और राजा से रंक तक बन जाता है। उसको जिंदगी में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोग इन ग्रहों को शांत करने के लिये विभिन्न उपाय भी करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसे बेजूबानों की सेवा करने से भी इन ग्रहों को शांत करने में मदद मिलती है।


जीव सेवा ही ईश्वर सेवा – निधि तिवारी 

निधि ने समाज के नाम अपने संदेश में कहा है कि जीव सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा है। अगर हमारा थोड़ा सा समय किसी के जीवन को बचा सकता है , तो अपना समय ज़रूर दें। किसी का जीवन बचाना बहुत बड़ी बात होती है , क्योंकि ये काम तो ईश्वर  ही करते हैं जबकि हम तो केवल माध्यम बनते हैं। हम ईश्वर की शुक्रिया अदा करें कि उन्होंने हमें इस सेवा के लिये चुना है। उन्होंने कहा कि यदि हम सब संकल्प करके थोड़ा सा समय दें तो अब कोई भी दुर्घटनाग्रस्त बेजूबान  सड़कों पर नही भटकेंगे बल्कि वे आश्रम में सुकून का जीवन व्यतीत करेंगे।

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