भाजपाई कांग्रेसी नेता की पत्रकार से गुंडई कैमरे में कैद,क्या यही है पत्रकार सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ शासन का..

स्तरहीन नाली निर्माण की खबर प्रकाशन से बौखलाए ठेकेदार ने गुंडों व कांग्रेसी नेता संग मिलकर की पत्रकार पर जानलेवा हमला

सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों की गतिविधि कैद, लेकिन अभी भी आरोपी घूम रहे हैं खुलेआम

कोंडागांव (गंगा प्रकाश)–नाली निर्माण में अनियमितता की खबर प्रकाशन के तकरीबन सप्ताह भर  बाद कोंडागांव निवासी पत्रकार विश्वजीत मलिक के ऊपर ठेकेदार के गुंडों द्वारा सोमवार को मांकड़ी में अचानक मारपीट किया गया ,पत्रकार अपनी जान बचाने जनपद पंचायत कार्यालय परिसर में स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय  में घुसा ,लेकिन ठेकेदार के गुंडों का गुस्सा शांत नहीं हुआ , पत्रकार को कमरे से निकाल कार्यालय के सामने लात घुसो से जमकर पिटाई कर दी, और मोबाइल तक जमीन पर पटक कर तोड़ दिया। जिसकी शिकायत पत्रकार विश्वजीत मलिक ने माकड़ी पुलिस में दर्ज कराया। पुलिस मामले की विवेचना में जुटी है।

पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था  उक्त मामले में  जांच के लिये माकड़ी 

उक्त घटना की निंदा करते जिले के पत्रकारों ने 8 सदस्य  प्रतिनिधि गठित कर उक्त मामले में जांच के लिए माकड़ी भेजा था जिसमें पुलिस अधिकारियों वह जनपद सीईओ व अन्य घटनास्थल में मौजूद कर्मचारियों से  प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की वही थाना प्रभारी के पास मौजूद घटनास्थल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से यह स्पष्ट हो रहा है कि मारपीट व जानलेवा हमला को अंजाम दिया गया है, वही मामले पर जनपद सीईओ से पूछने पर कि आप के प्रांगण में एक बड़ी घटना हुई क्या आपने मामले पर प्राथमिकी थाने में दर्ज कराई है तो अधिकारी ने कहा कि वे किसी अन्य कार्य पर व्यस्त थे मामले की जानकारी आई है मामले पर जल्द ही एफआईआर दर्ज करवाएंगे।

वहीं अन्य बिंदुओं पर पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने बिंदुवार जांच की है जिसकी रिपोर्ट वह घटना के संबंध में जल्द ही पीएमओ कार्यालय महामहिम राज्यपाल सीएम छत्तीसगढ़ शासन व ग्रह मंत्री छत्तीसगढ़ शासन को मामले से अवगत कराया जाएगा ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो ।

सीसीटीवी फुटेज कुछ और कह रहा आरोपी का बयान कुछ और

 उक्त मामले में बड़ी बात यह है कि सारी घटना जनपद कार्यालय के सीसीटीवी में कैद हो चुकी है वहीं आरोपी अपने आप को बचाने के लिए आपसी झूमा -झपटी में पीड़ित पत्रकार का मोबाइल टूटने की बात कह रहा है जबकि सीसीटीवी फुटेज में मोबाइल को आरोपी के द्वारा पटकते स्पष्ट देखा जा सकता है ,यही नहीं पीड़ित पत्रकार को आरोपियों के द्वारा मारते व दूसरी बार फिर एक कांग्रेसी नेता के साथ पुनः कार्यालय से निकाल कर मारते हुए भी स्पष्ट कैमरे में कैद हो चुका है लेकिन सीसीटीवी फुटेज खंगाले के बाद भी आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं होना समझ से परे है । कहीं ऐसा ना हो कि  छत्तीसगढ़ सरकार की पत्रकार सुरक्षा कानून शासन के अधिकारियों की मेहरबानी के चलते पत्रकार  केवल पत्रकारों के लिए झुनझुना साबित हो कर न रह जाये।

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