नई तकनीक से विकसित दुर्ग-रायपुर के बीच शीघ्र दौड़ेगी थ्री फेस मेमू लोकल

कपूरथला में आकर्षित तरीके से निर्मित डिजाईन वाला 8 कोच का रैक पहुंचा भिलाई


भिलाई (गंगा प्रकाश)। दुर्ग से रायपुर के बीच शीघ्र ही नई तकनीक से विकसित थ्री फेस मेमू लोकल ट्रेन का परिचालन शुरू होने वाला है। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में भेल द्वारा निर्मित 8 कोच का थ्री फेस मेमू रैक भिलाई पहुंच चुका है। इंजन सहित इस मेमू लोकल के रैक की डिजाइन बहुत ही आकर्षक तरीके से की गई है। दुर्ग-रायपुर के बाद इस तरह की थ्री फेस मेमू लोकल ट्रेन को बिलासपुर और गोंदिया तक चलाये जाने की तैयारी की जा रही है।

रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला ने इस स्पेशल मेमू रैक को थ्री फेस मेमू लोकल के नाम से लॉन्च किया है। बीएमवाय चरोदा के मेमू शेड में पहुंचे एक रैक में 8 कोच रखे गए हैं।


दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर द्वारा इसका परिचालन शीघ्र ही दुर्ग से रायपुर के बीच पहले चरण में किया जाएगा। इसके बाद बिलासपुर और गोंदिया तक थ्री फेस मेमू ट्रेन दौड़ाई जाएगी। नए कोच की खासियत यह होगी कि प्लेटफार्म छोड़ते ही यह तुरंत रफ्तार पकड़ लेगी। ठहरते समय भी यह तीव्र गति से रुकेगी। स्टेनलेस स्टील के निर्मित इस कोच में यात्रियों को ढोने की क्षमता भी अधिक होगी। यह पहले के कोच की तुलना में यात्रियों के लिए कहीं अधिक आरामदायक होगी। इसमें स्वतरू पावर जेनरेशन होता रहेगा तथा उर्जा की बर्बादी कम होगी।
पूर्व में चलने वाले मेमू कोच की तुलना में यह 35 फीसदी तक ऊर्जा की बचत करेगी। इस मेमू रैक के ड्राइवर मोटर कोच की बनावट भी खास है और यह आगे की तरफ  निकली हुई है। ड्राइवर कोच की बनावट एरोडायनेमिक नोज फ्रंट के रूप में दी गई है और ड्राइवर की केबिन पूरी तरह से वातानुकूलित है। ड्राइवर के डेस्क को भी खास तरह से बनाया गया है। इन कोचों की एक प्रमुख विशेषता यह है कि ये पारंपरिक मेमू कोचों की तुलना में कम रखरखाव वाले हैं। तीसरे फेस के ये मेमू कोच बेहतर यात्री सुविधाएं भी देते हैं। इनमें से प्रत्येक कोच में एफआरपी पैनलिंग, चौड़ी खिड़कियां, कुशन वाली सीटें, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट और स्लाइडिंग दरवाजे के साथ सुंदर आंतरिक सज्जा है। साथ ही प्रत्येक कोच में 50 प्रतिशत आपातकालीन रोशनी के साथ बिजली बचाने वाली एलईडी लाइट की फिटिंग दी गई है। प्रत्येक कोच में बायो टैंक के साथ दो शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं सुरक्षा के लिए सभी कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।  इसके अलावा जीपीएस आधारित पब्लिक एड्रेस और यात्री सूचना प्रणाली जिसमें स्क्रीन डिस्प्ले के साथ-साथ प्रत्येक कोच में लाउड स्पीकर शामिल हैं जो यात्रियों को रास्ते में रेलवे स्टेशनों के बारे में बताते रहेंगे।
दुर्ग के मेमू ड्राइवरों को दिया जा ट्रेनिंग
थ्री फेस मेमू लोकल को पटरी पर उतारने से पहले वर्तमान में चल रहे पुराने मेमू ड्राइवरों को अलग-अलग चरण में ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग बिलासपुर रेलवे जोन मुख्यालय के उसलापुर सेंटर में चल रही है। इसमें दुर्ग, भिलाई, रायपुर और बिलासपुर लॉबी के मेमू ड्राइवर थ्री फेस मेमू लोकल चलाने का सबक सीख रहे हैं। इसके साथ ही ड्राइवरों को थ्री फेस मेमू लोकल के तकनीकी जानकारी से भी रुबरु कराया जा रहा है। मेमू शेड भिलाई में खड़ी थ्री फेस मेमू लोकल का रैक का लॉक अभी खोला नहीं जा सका है। लिहाजा उसलापुर में ट्रेनिंग के बाद ड्राइवरों को गोंदिया भेजकर वहां के मेमू शेड में खड़े रैक का मुआयना कराने के साथ ही इससे संबंधित नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है।
यात्रियों के साथ ड्राइवर की सुविधा का विशेष ध्यान
यात्रियों के आराम और सुरक्षा पर ध्यान देने के साथए यह मेमू ट्रेन 110 किमी प्रति घंटे की गति से पटरियों पर दौडऩे लिए डिजाइन की गई है जो यात्रियों के डेली ट्रेन में सफर करने के अनुभव को पहले से अधिक तेज और आरामदायक बनाएगी। भेल द्वारा विकसित मेमू ट्रेन की आसान निगरानी और नियंत्रण के लिए एक टचस्क्रीन-आधारित उपयोगकर्ता के अनुकूल ड्राइवर डिस्प्ले यूनिट भी स्थापित की गई है। एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किए गए ड्राइवर डेस्क के साथ एक वातानुकूलित ड्राइविंग कैब ड्राइवर को एक आरामदायक ड्राइविंग वातावरण प्रदान करती है। विशेष रूप सेए मेमू में एक तकनीकी रूप से उन्नत पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम भी हैए जो कि ब्रेकिंग ऊर्जा को वापस ओवरहेड आपूर्ति लाइन में फीड करता है जिसका उपयोग उसी फीडिंग जोन में अन्य ट्रेनों द्वारा सिस्टम के भीतर किया जा सकता है।

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