
छुरा (गंगा प्रकाश)। वेदों में वर्णित हैं कि निरोगी काया प्रथम सुख। निरोगी काया प्राप्त करने के लिए साइकिलिंग एक श्रेष्ठ तरीका है। साइकिल हमारे पर्यावरण के साथ-साथ सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। साइकिल का हमारे जीवन में अहम स्थान है। साइकिल को हम प्रदूषण मुक्त परिवहन के साधन के रूप में उपयोग कर सबसे बड़ी देश सेवा करते हैं। नियमित साइकिल चलाने से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है, इंद्रियों को मजबूत कर तनाव मुक्त करता है, ऊर्जा का संचार करता है और प्रदूषण मुक्त बिना ईंधन खपत के गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य करता है। पहले साइकिल, परिवहन का सबसे उत्तम साधन माना जाता था किंतु तकनीक के विकास के साथ ही विविध प्रकार के ईंधन से चलने वाली गाड़ियों का उपयोग बढ़ने लगा। लोगों ने समय की बचत और सुविधा के लिए साइकिल चलाना कम कर दिया। लेकिन आज के दौर में भी साइकिल चलाने वालों की कमी नहीं है ऐसे ही एक शख्सियत है सेवानिवृत्त व्याख्याता के.आर. सिन्हा । के.आर. सिन्हा बचपन से ही साइकिल चलाने के शौकीन हैं। अपने शैक्षणिक कार्यकाल की शुरुआत में लिए साइकिल से ही आज भी आवागमन करते हैं। अपने 44 वर्ष के शैक्षणिक कार्यकाल में घर से विद्यालय जाने, आसपास के गांवों ही नहीं दूर दराज का सफर भी साइकिल से ही तय करते आ रहें हैं। आज लगभग 75 वर्ष की उम्र में अपने पैतृक गांव, सगे संबंधियों के घर 100-110 किलोमीटर तक की दूरी साइकिल से ही पूरी कर लेते हैं। प्रतिदिन 25 किलोमीटर साइकिलिंग कर कृषि कार्य के लिए जाते हैं। उनका मानना है कि शरीर को सुदृढ़, मजबूत, स्वस्थ रखने के लिए हमें नियमित साइकिल चलानी चाहिए। के.आर. सिन्हा युवाओं के प्रेरणा स्रोत के रूप में जाने जाते हैं। बहुत सारे युवा उनका अनुसरण कर साइकिलिंग करते देखे जा सकते हैं। उनको देखकर उनके नातिन गुंजन, योगिता, नंदकिशोर बचपन से ही प्रतिदिन साइकिलिंग करते हैं। के.आर. सिन्हा स्वावलंबन के मिसाल के रूप में विख्यात हैं।