
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। जैविक कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पर्यावरण के लिए जैविक कृषि लाभकारी अति आवश्यक है। भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने में जैविक कृषि आवश्यक है। जैविक उत्पाद यानी जैविक खेती से प्राप्त अनाज फल फूल शाक सब्जी जन स्वस्थ के लिए अत्यंत लाभकारी है। जबकि रासायनिक खेती से उत्पन्न अनाज को स्वास्थ्य के लिए घातक बनाया गया तथा जैविक खेती को आर्थिक दृष्टि से भी उपयोगी एवं लाभकारी बताया गया है। तो शासन की ओर से जैविक खेती का प्रचार-प्रसार क्यों नहीं हो रहा और आज भी कृषकों में जैविक खेती नुकसान कारी होने की भ्रांति है। जो कब और कैसे दूर होगी या आश्चर्यजनक चिंताजनक और विचारणीय विषय है। उक्त उदगार यहां जैविक कृषि ट्रस्ट के जैविक ग्राम सोने सिल्ली में उपस्थित ग्रामवासियों के मध्य से अध्यक्षीय आसंदीय से उपस्थित ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर हरित ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी देश के हित में जैविक कृषि के पक्ष धर है। परंतु आज भी नई पीढ़ी कि समझ में क्यों नहीं आ सका। उन्होंने शासन से मांग की है कि देश हित में जैविक खेती को शीघ्रता से चलन में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। इस बैठक में जैविक ट्रस्ट के उपाध्यक्ष जगदीश साहू एवं सचिव कृपाराम यादव ने जैविक खेती पर अपने विचार रखते हुए जैविक कृषि को हर दृष्टि से लाभकारी बताते हुए एवं स्वयं के जैविक खेती में तीन-चार वर्षों के अनुभव के अनुसार रासायनिक खेती की तुलना में कुल मिलाकर लाभ ही लाभ की खेती बताया है। जबकि बैठक में उपस्थित ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष तेजराम साहू ने बताया कि जैविक खेती समाज देश और स्वयं को प्रत्यक्ष रूप से पांच लाभ होने की बातें बताई। अंत में किसानों के शंका का समाधान किया गया। बैठक में उपस्थित ग्राम के 19 किसानों ने आगामी खरीफ से कम से कम 5 – 10 डिसमिल रकबे में प्रयोग के तौर पर जैविक खेती करने संकल्प लिए व करवा ही हस्ताक्षर किए।