
गरियाबंद/दर्रीपारा (गंगा प्रकाश)।दर्रीपारा सहित अंचल के विभिन्न गांवों में गुरुवार को माता पहुंचानी का लोक पर्व मनाया गया।लोगों ने इसे पारंपरिक तरीके व उत्साह के साथ मनाया।इसे जुड़वास भी कहा जाता है।लोगो ने बताया कि इस पर्व में ग्रामीण नए नए वस्त्र पहनकर शीतला मंदिर में इकट्ठा होते है।माता शीतला की पूजा अर्चना कर नीम की पत्ती, हल्दी,दही आदि से स्नान कराते हैं।

इस पूजा का उद्देश्य बरसात में गांवों में फैलने वाले माता (चेचक) से बचाव है।इसके अलावा विभिन्न बरसाती बीमारियों से रोकथाम भी है।यह पर्व गुरुवार या सोमवार को ही संपन्न होता है।क्योंकि इस दिन इसके लिए शुभ माना जाता है।इस दिन गाजे- बाजे के साथ लोग सेवा जस गीत गाते शीतला मंदिर में पहुंचते हैं। और माता का आशीर्वाद लेते हैं।लोग शीतला मंदिर में जाकर वहां प्रसाद स्वरूप नीम की पत्ती से दही,हल्दी का घर मे छिडकाव करते है।यह पर्व दर्रीपारा ,कोसमी सहित अनेक गांवों में मनाया गया।कुछ गांवों में सोमवार,गुरुवार को पर्व मनेगा।इस संबंध दर्रीपारा शीतला मंदिर पुजारी बिसाहू राम नेताम ने बताया कि बरसात का मौसम लगते ही माता (चेचक) की शिकायत होने लगती है।इससे बचने हर वर्ष माता की पूजा – अर्चना कर आशीर्वाद लिया जाता है।