
ग्राम कोकड़ी में मनाई गई रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस
मैनपुर(गंगा प्रकाश) :– विकासखंड मैनपुर के राजापड़ाव क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम पंचायत कोकड़ी में महान गोंडवाना शासिका रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस आदिवासी समाज द्वारा मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ,विशिष्ट अतिथि दैनिक राम मंडावी,खामसिंह मरकाम सहित आदिवासी समाज के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। सभी अतिथियों एवं समाजप्रमुखों ने विधिवत पूजा अर्चना कर रानी दुर्गावती का जयघोषकिया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने रानी दुर्गावती चौक में डेढ़ लाख रुपए की लागत से बनने वाले अहाता निर्माण के लिए सामाजिक पदाधिकारियों की उपस्थिति में भूमिपूजन किया। सर्वप्रथम खामसिंह मरकाम ने रानी दुर्गावती की जीवनी का परिचय वाचन करते हुए कहा कि गोंड साम्राज्य की महान वीरांगना दुर्गावती का जन्म पांच अक्टूबर 1524 को हुआ। वे कालिंजर के राजा कीर्ति सिंह की पुत्री थीं। रानी दुर्गावती गोंड साम्राज्य में दलपत शाह की बहू बनकर आई। दलपत शाह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र वीरनारायण को गद्दी पर बैठाकर खुद शासन की बागडोर संभाला।


*मुख्य अतिथि संजय नेताम ने संबोधित करते हुए कहा कि* रानी दुर्गावती भारत की उन वीरांगनाओं में से एक है जिन्होंने अपने शौर्य और साहस और वीरता से एक नई इबारत लिखी। रानी दुर्गावती ने किसी के आगे घुटने नहीं टेके और मातृभूमि के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये, उनका साहस और बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। हमारे आदिवासी समाज ने देश को अनेक वीर महापुरुष दिए हैं जिनका योगदान राष्ट्रधर्म की रक्षा, लोककल्याण और प्रजा के प्रतिपाल करने में रहा है। हमारा गौरवशाली अतीत रहा है,महारानी दुर्गावती का नाम भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। देश के इतिहास में अनेक राजाओं के वीरता की कहानी है लेकिन वीरांगनाओं में रानी दुर्गावती का नाम अग्रगण्य है।


दैनिकराम मंडावी ने कहा कि इस व्यस्त जीवनशैली से हम सबको निवृत्त होकर एक दिन कम से कम समाज के लिए निकालना चाहिए जिससे हमारे समाज के वीरों की गाथाओं को हम भावी पीढ़ियों तक पहुंचा सकें। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन हेमराज ध्रुव एवं आभार प्रदर्शन रामेश्वर ध्रुव ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्यामाकुमार ,रामसिंह ,सुनाराम ,हीरासिंह,गोपालराम,सरजू राम, नारद सिंह,बुधुराम ,फालिया राम,नंदलाल,भीखम मरकाम,कमलचंद नेताम,रमेश नेताम,कन्हैयालाल रमेशकुमार,गौतम मंडावी,फलेश कुमार,जयदेव नेताम,हरीश नेताम,मिथलेश कुमार,गणेश राम,कुम्हारू राम,हेमप्रकाश मरकाम,रनसाय ,कचरू राम,आसुलाल ,किरण ध्रुव, कार्तिक राम,राधा बाई,श्याम बाई,रामबती,कुंती बाई दीवान,सहित सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासियों की उपस्थिति रही।

