
विकास कुमार यादव
बलरामपुर (गंगा प्रकाश)। बलरामपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है बात करे तो किसी कारण से बिजली बंद हो गयी तो उसे ठीक करने में घंटों लग जाते है इस दौरान कई घंटों तक बिजली बंद रहती है ठीक इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्र की बात करे तो यदि ग्रामीण एरिया में लाईट बंद हो गया तो लाईट कब आयेगा इसकी कोई गारंटी नहीं होती है, ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बंद होने पर उसे ठीक करने में कई दिन लग जाते है. अभी बारिश के ठीक पहले बिजली विभाग द्वारा मेंटनेंस के लिये कई घंटा गर्मी में लाइट बंद किया जाता है उसके बाद भी बारिश के दिनों में मेंटनेस का कही असर दिखाई नहीं देता है और बिजली घंटों बंद रहती हैं,
एक बार जब कहीं फाल्ट आ जाता है तो उसे सुधारने में घंटों लग जाते हैं, बिजली उपभोक्ताओं के अनुपात में विभाग के पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं।
सुधार कार्य में लगते हैं घंटों,मैदानी अमले की भी कमी
मैदानी अमले की कमी के कारण कंपनी में अधिकांश कामों में ठेका का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन इसके लिए कंपनी को जो लागत चुकानी पड़ रही है। उसके हिसाब से उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिल रहा है। वर्तमान में बिजली सब-स्टेशनों का संचालन, लाइन मेंटेनेंस सहित विभिन्न योजनाओं के तहत होने वाले काम को ठेका के माध्यम से कराया जा रहा है। इन कार्याें पर विभाग के अधिकारियों का नियंत्रण जरूरी होता है। लेकिन तालमेल के अभाव में गुणवत्तानुसार कार्य देखने को नहीं मिल रहा। जिससे उपभोक्ताओं को बार-बार बिजली समस्या से जूझना पड़ रहा है बिलिंग में भी परेशानी मीटर रीडिंग व बिलिंग का काम ठेका के माध्यम से कराया जा रहा है। बिल को लेकर भी आए दिन शिकायत आती रहती है। अधिक बिलिंग की शिकायत लेकर उपभोक्ता लगातार दफ्तर के चक्कर काटते रहते हैं। आम जनता का आरोप है कि मीटर की रीडिंग किए बिना ही मनमाना बिल थमा दिया जाता है। बिल देर से मिलने की शिकायत भी रहती है।