
छुरा/रसेला (गंगा प्रकाश)। एक सप्ताह से लगातार रूक रूक कर हो रही मानसूनी बारिश ने धान की फसल लगाने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। रसेला सहित अंचल में हुई लगातार बारिश से जहां खेत में लगी हरी सब्जियों का नुक़सान हुआ है। वहीं धान बोआई और रोपाई करने वाले किसान ख़ुशी से झूम उठे। उन्हें रोपाई करने के लिए खेतों में ट्यूबवेल से पानी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी, ज्ञात हो कि अभी रसेला अंचल में धान की बोआई काम 10 प्रतिशत नहीं हुआ है। किसानों को मौसम खुलने का इंतजार था। शनिवार से हो रही लगातार बारिश मंगलवार को 12 बजे सूर्य का दर्शन हुआ है। आज किसान धान बोआई का कार्य युद्ध स्तर पर इधर जारी रखेंगे। जिस किसान अपने खेतों में सुरक्षा व्यवस्था किया गया है वहीं पहले से नर्सरी और खेत दोनों ही पहले से तैयार थे। बारिश होने के बाद रोपाई शुरू की है। कुछ दिन और बारिश न होती तो ट्यूबवेल या डीजल पंप से पानी भरकर रोपाई करनी होती। किसान बिगेन्द्र ठाकुर, जनकराम यादव, छनूलाल ठाकुर ने बताया कि बारिश होने से धान की रोपाई का काम तेज हुआ है। नर्सरी पहले से ही तैयार थी। रोपाई के लिए अभी बहुत देरी नहीं हुई है। वहीं बारिश खरीफ की अन्य फसलों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। हालांकि इस बार मानसून कुछ देरी से पहुचा है। अच्छी बारिश के बाद खाद बीज – विक्रेताओं की दुकानों पर किसानों की खासी चहल-पहल देखी जा रही है । खरीफ फसल की बुआई का अनुकूल समय 15 जून से 15 जुलाई तक माना जाता है। खेतों में किसान हल बैल के साथ साथ ट्रैक्टरों द्वारा जुताई कर बीज की बुआई कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि पहली बारिश अच्छी होने से खेतों की तह तक नमी पहुंच गई है। नमी ठीक होने पर पौधा स्वस्थ और समय पर अंकुरित हो सकेगा। साथ ही साथ एक साथ बुआई और रोपाई का कार्य शुरू होने पर मजदुर मिल पाना असम्भव है इस लिए कई किसान आस पास गांवों से मजदुर को लाकर रोपाई का कार्य कर रहे हैं।