मानसून लगने के बाद जतमई-घटारानी चिंगरा पगार में बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड

गरियाबंद /छुरा/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख जिला है। गरियाबंद जिला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। गरियाबंद जिला उड़ीसा राज्य की सीमा के पास स्थित है। इस जिले की प्रमुख नदियां महानदी, पैरी नदी और सोंढुर नदी है। यह जिला चारों तरफ से सुंदर पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ है। गरियाबंद जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं गरियाबंद में कौन-कौन सी जगह मौजूद है।

रविवार को रही श्रद्धालुओं की भीड़ छत्तीसगढ़ में मानसून के दस्तक होते ही लगातार तीन दिनों तक रिमझिम बारिश हुई है। इसके कारण सभी छोटे-बड़े नाले उफान पर थे। बारिश होने के कारण कई जलप्रपात में भी पानी नजर आया। इसी से आकार्षित होकर रविवार को भी जतमई और घटरानी, चिंगरा पगार का दर्शन करने एवं जलप्रताप का आनंद लेने श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ देखी गई। हालांकि यहां के जलप्रपात में पानी नहीं होने के कारण श्रद्धालु एक बार निराश जरूर हुए, लेकिन उनमें उत्साह कम नहीं हुआ।

चिंगारा पगार झरना
चिंगारा पगार झरना गरियाबंद जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर झरना है। यह झरना घने जंगल के अंदर स्थित है। झरने तक पहुंचने का मार्ग ठीक है। आप यहां पर गाड़ी से या कार से पहुंच सकते हैं। यह झरना गरियाबंद जिले से 15 किलोमीटर बारुका नाम के गांव में स्थित है। यह मुख्य राजिम गरियाबंद हाईवे रोड से करीब 4 किलोमीटर अंदर जंगल में स्थित है।
यह झरना करीब 110 फीट ऊंचा है। यहां पर खड़ी चट्टान से पानी नीचे गिरता है। पानी एक कुंड में गिरता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर आप नहाने का मजा भी ले सकते हैं। इस झरने में तक आपको कच्ची सड़क मिलती है। यहां पर ग्रामीण लोगों के द्वारा छोटी मोटी दुकानें भी लगाई जाती है, जहां पर आपको खाने पीने का सामान मिल जाता है। इस झरने को घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई-अगस्त का रहता है। इस समय झरने में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा रहती है और आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह गरियाबंद की सबसे अच्छी जगह है।

कुकदा बांध –
कुकदा बांध गरियाबंद जिले का एक मुख्य पिकनिक स्थल है। यह बांध गरियाबंद जिले में राजिम गरियाबंद हाईवे सड़क पर पोंड गांव के पास स्थित है छुरा जनपद क्षेत्र में आता है। यह बांध चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ है और यहां पर आप बरसात के समय या बरसात के बाद ठंड के समय घूमने के लिए आ सकते हैं, क्योंकि इस समय यहां पर पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। कुकदा बांध एक स्टॉप डैम है और मुख्य रूप से सिंचाई के उद्देश्य से बनाया हुआ है, तो इस बांध के दाएं तरफ और बाएं तरफ दो नहर देखने के लिए मिल जाती हैं।

कुकदा बांध पैरी नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत सुंदर है। कुकदा बांध का दृश्य भी बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आपको चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलेगी और अगर आप शाम को आते हैं, तो सूर्योदय का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। आप यहां पर आते हैं, तो खाने पीने का सामान अपने साथ लेकर आएं, क्योंकि यहां पर आसपास दुकान नहीं है। आप यहां पर दोस्तों और फैमिली वालों के साथ आकर भी अच्छा समय बिता सकते हैं।

जतमई माता का मंदिर-
जतमई माता का मंदिर गरियाबंद का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर स्थित है। मंदिर के बाजू से ही झरना बहता है, जो बहुत सुंदर लगता है। यहां पर चारों तरफ का दृश्य प्राकृतिक है और बरसात के समय यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक के अंतर्गत आता है। यहां पर हनुमान जी की एक बहुत बड़ी प्रतिमा है। हनुमान जी ने अपने कंधो में श्री राम जी और लक्ष्मण जी को बैठाया हुआ है। यहां पर झरने के दोनों तरफ मंदिर बने हुए हैं और बीच से पुल बना हुआ है। आप इस पुल से झरने के दोनों तरफ मंदिरों में जा सकते हैं। यहां पर बहुत सारे मंदिर है। यहां पर एक छोटी सी गुफा है, जहां पर जतमई माता जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां पर एक छोटा सा कुंड बनाया गया है, जहां पर झरने का पानी इकट्ठा होता है और यह बहुत अच्छा लगता है।

जतमई पर साल की दोनों नवरात्रि में मेला भरता है, जिसमें आसपास के लोग दुकानें लगाते हैं और यहां पर बहुत भीड़ रहती है। जतमई माता के दर्शन करने के लिए, जो भी भक्त आते हैं। वह झरने में स्नान जरूर करते हैं। कहा जाता है, कि झरने से गिरने वाली धाराएं माता की सेविकाए हैं और वह माता के चरण को धोती हैं। यहां पर आकर शांति का अनुभव होता है। झरने से बहता हुआ कल कल पानी बहुत ही अच्छा लगता है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और गरियाबंद से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गरियाबंद में घूमने वाली मुख्य जगह है।

घटारानी मंदिर
घटारानी मंदिर गरियाबंद शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह छुरा,फिंगेश्वर और राजिम नगरे के सीमा से लगे हुए है। मंदिर जमतई धाम के 10 किमी से दुरी पास में स्थित है। यह मंदिर भी घने जंगल के अंदर स्थित है और इस मंदिर के बाजू में एक झरना बहता है। यह झरना बहुत सुंदर लगता है। यहां पर जो भी भक्त आते हैं। वह झरने में स्नान करते हैं। उसके बाद माता के दर्शन करने के लिए जाते हैं। आप जमतई धाम घूमने के लिए आते हैं, तो आप इस मंदिर में भी आ सकते हैं। यहां मंदिर तक आने का जो रास्ता है। वह घना जंगल से घिरा हुआ है। यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो आपको बहुत अच्छा लगेगा।

घटारानी मंदिर पर बहुत सारे छोटे छोटे मंदिर बने हुए हैं। यहां झरने के पास बहुत सारे जानवरों की मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर भगवान की भी मूर्तियां झरने के नीचे है, जो बहुत सुंदर लगती है। यह पर वॉच टावर बना हुआ है, जहां से आप झरने का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। मां घटारानी जी की मूर्ति बहुत ही भव्य लगती है और मां के दर्शन करके बहुत ही अच्छा लगता है। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ रहती है और बहुत सारे भक्त यहां पर आते हैं।

सिकासार बांध
सिकासार बांध गरियाबंद जिले का एक मुख्य पिकनिक स्पॉट है। यहां पर बांध बरसात के समय पूरी तरह भर जाता है। तब बरसात का पानी ओवरफ्लो होकर बांध से बहता है, जिसका दृश्य बहुत सुंदर रहता है। यहां पर बांध से पानी सीढ़ीनुमा ढलान से बहता है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। यहां पर आप पिकनिक मना सकते हैं। यह गरियाबंद जिले से करीब 49 किलोमीटर दूर सिकासार नाम की जगह पर है।

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